हिजाब पर बैन लेकिन कर्नाटक के इस स्कूल में मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ क्यों ?

04:21 pm Feb 16, 2022 | सत्य ब्यूरो

कर्नाटक में एक तरफ मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनने के कारण सरकार से लेकर अराजक तत्वों के निशाने पर हैं, दूसरी तरफ कर्नाटक के प्राइवेट स्कूल में मंत्र का जाप और हनुमान चालीसा का पाठ कराया जा रहा है। 

कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने पिछले अंतरिम आदेश में साफ कहा था कि किसी को भी स्कूल-कॉलेज में किसी भी तरह का धार्मिक चिह्न या पहचान पहन कर या उसे अपनी गतिविधि में शामिल करने का अधिकार हमारे अगले आदेश तक नहीं होगा। कोर्ट ने उसमें सभी शिक्षण संस्थानों का जिक्र किया था। यही वजह है कि शीरालाकोप्पा के अल अमीन हाई स्कूल में हिजाब पहन कर गई छात्राओं को एंट्री से रोक दिया गया, जबकि इसका प्रबंधन मुस्लिमों के हाथ में है। यानी इस मुस्लिम संस्थान ने हाईकोर्ट का आदेश अपने यहां लागू कर दिया। 

दूसरी तरफ उड्डुपी के करकला के इस स्कूल को देखिए। जेसीज इंग्लिश मीडियम स्कूल करकला में छात्र, छात्राओं और शिक्षकों को रोजाना मंत्र और हनुमान चालीसा का जाप करना पड़ता है। इस वीडियो को टाइम्स ऑफ इंडिया के विशेष संवाददाता श्रेयस एचएस ने ट्वीट किया है। अब यह वीडियो वायरल हो चुका है। श्रेयस ने लिखा है कि कर्नाटक में एक तरफ मुस्लिम छात्राओं को मात्र हिजाब पहनने पर टारगेट किया जा रहा है जबकि करकला के जेसीज इंग्लिश मीडियम स्कूल में हिन्दुत्व का खुला प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां पर रोजाना मंत्र और हनुमान चालीसा का जाप कराया जा रहा है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया के इस रिपोर्टर के वायरल वीडियो पर बहुत बड़ी तादाद में लोग कर्नाटक सरकार की इस हिप्पोक्रेसी की खुली आलोचना कर रहे हैं, जबकि बहुत सारे लोग इसका समर्थन कर रहे हैं। आलोचना करने वालों का कहना है कि यह बहुत सामान्य सी बात है कि मुस्लिम लड़कियां उस स्कूल या कॉलेज की यूनिफॉर्म पहन कर आदेश का पालन कर रही हैं, उनके सिरों पर सिर्फ हिजाब ही तो अतिरिक्त होता है, जिससे उनके बाल ढके रहते हैं और सिर्फ चेहरा दिखता है। इसमें किसी को क्यों आपत्ति होना चाहिए। 

कुछ लोगों ने लिखा है कि अगर स्कूल-कॉलेज में कोई क्रॉस (ईसाई चिह्न), रुद्राक्ष माला, सिर पर पगड़ी या कृपाण लेकर आता है तो उस पर मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने कभी ऐतराज नहीं किया। स्कूल-कॉलेज प्रबंधन और सरकार ने भी कभी इसका विरोध नहीं किया। फिर हिजाब को किस मकसद से टारगेट किया जा रहा है। 

कुछ लोगों ने लिखा है कि पांच राज्यों में चुनाव के मद्देनजर इस मामले को गरमाया है। कर्नाटक में इस घटना को उभारकर यूपी में हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। दो चरणों के मतदान में बीजेपी खास कुछ कर नहीं पाई, इसलिए हिजाब बवाल को और बढ़ाया जा रहा है। दूसरी तरफ जेसीज स्कूल में मंत्र और हनुमान चालीसा के पाठ को उचित ठहराते हुए लोग लिख रहे हैं कि कोर्ट का आदेश सरकारी स्कूल-कॉलेजों के लिए है, प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं के लिए नहीं है। जेसीज इंग्लिश मीडियम स्कूल करकला एक प्राइवेट संस्थान है। उन्हें अपने यहां कोई भी पद्धति अपनाने का अधिकार है। कुछ लोगों ने लिखा है कि यह हिन्दू बहुसंख्यक देश है, जेसीज जैसी संस्थाओं पर ऊँगली नहीं उठाई जा सकती। 

कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को आदेश जारी कर राज्य के सभी शिक्षण संस्थाओं में हिजाब या अन्य धार्मिक चिह्न पहनने पर रोक लगा दी थी।  राज्य सरकार ने आदेश के तहत छात्र-छात्राओं के लिए सरकार और निजी स्कूलों और पीयू कॉलेजों के प्रशासन द्वारा निर्धारित वर्दी पहनना अनिवार्य कर दिया। आदेश में यह भी कहा गया कि निजी संस्थानों के छात्र प्रबंधन द्वारा तय किए गए ड्रेस कोड का पालन करें।

सरकारी आदेश में कहा गया है, समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़ों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।