हालांकि भारत में अभी कोरोना संक्रमण का पहला दौर भी ख़त्म नहीं हुआ है, यह सवाल उठने लगा है कि क्या संक्रमण का दूसरा दौर आएगा? कब आएगा, कितने लोग प्रभावित होंगे और भारत उससे कैसे निबटेगा? क्या ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय और मैसाच्यूसेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी का यह आकलन सही साबित होगा कि दूसरे दौर के संक्रमण में भारत मे रोज़ाना 2.87 लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं?
दूसरी लहर?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि चीन में संक्रमण का दूसरा दौर शुरू हो चुका है।
जब संक्रमण कम हो जाता है और लोगों को लगने लगता है कि यह ख़त्म हो गया उसके बाद यकायक संक्रमण तेज़ी से बढ़ता है तो उसे 'सेकंड वेव' या 'दूसरी लहर' या 'दूसरा दौर' कहते हैं।
चीन में बीते 24 घंटे में कोरोना के 61 नए मामले सामने आए हैं। यह अप्रैल के बाद से अब तक एक दिन की सबसे बड़ी संख्या है। ये तीन अलग-अलग इलाक़ों में पाए गए हैं।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि सबसे ज़्यादा मामले दक्षिण पश्चिमी राज्य शिनजियांग से आए हैं। प्रांत की राजधानी उरुमकी में सबसे अधिक मामले पाए गए हैं। इस तरह एक साथ कई इलाक़ों से नए मामले का अर्थ यही है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चीन पहुँच गई है।
इसके अलावा पिछले हफ़्ते उत्तर-पूर्व के प्रांत लियाओनिंग में भी नए मामले मिले हैं। प्रांत की राजधानी दालियान में अधिक मामले मिले थे। उत्तर कोरिया की सीमा से सटे हुए जिलिन प्रांत में भी दो मामले मिले हैं। सोमवार को चार मामले विदेश से आए हुए लोगों के थे।
भारत के लिए चिंता की बात
लेकिन यह भारत के लोगों और यहाँ के स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति निर्धारकों के लिए अधिक चिंता की बात है।
भारत में अभी पहला चरण ही ख़त्म नहीं हुआ है। तमाम सरकारी आकलन नाकाम हुए हैं, सरकार को यही पता नहीं है कि संक्रमण का चरम कब होगा।
नाकाम हुआ प्रधानमंत्री का दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से लॉकडाउन का एलान करते हुए कहा था कि कोरोना रोकथाम के लिए उन्हें सिर्फ 21 दिन का समय चाहिए। सरकारी संस्था और कोरोना रोकथाम की नोडल एजेंसी इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के एक अधिकारी ने मई में कोरोना रुकने का दावा किया था। आईसीएमआर ने बाद में यह समय सीमा बढ़ा कर जुलाई कर दी थी।
इसी तरह दूसरे दौर के बारे भी सरकार के पास कोई साफ़ और ठोस जवाब नहीं है। इसके सितंबर से नवंबर तक आने की बात कई बार अलग-अलग समय में अलग-अलग लोगों ने कही है।
इस बारे में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट है, जिस पर किसी को परेशानी हो सकती है।
मशहूर अमेरिकी संस्था मैसाच्यूसेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते टीका या दवा की इजाद नहीं की गई तो भारत की स्थिति सबसे बुरी होगी और यहाँ संक्रमितों की तादाद 2.87 लाख प्रतिदिन हो सकती है।
तैयार है भारत?
एमआईटी के स्लोअन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट ने कोरोना संक्रमण के फैलने पर एक शोध किया है। हाज़िर रहमानदाद, टी. वाई. लिम और जॉन स्टर्मन की टीम ने शोध में पाया कि जाड़े के अंत तक 2021 में भारत में कोरोना रोगियों की संख्या सबसे अधिक हो सकती है।
सवाल यह उठता है कि क्या एमआईटी और ऑक्सफर्ड का अनुमान सही साबित होगा? पर उससे अधिक चिंता की बात यह है कि भारत के नीति निर्धारको को इसकी न कोई चिंता है न ही इसकी पूरी और पक्की जानकारी।