क्या मणिपुर में विभाजन की खाई पाट पाएगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा?
कांग्रेस के नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का पहला पड़ाव पूरा हो चुका है। रविवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 25 किलोमीटर दूर थौबल से राहुल गांधी ने अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। दूसरे दिन सोमवार को हाइब्रिड मोड में चलते हुए राहुल गांधी नगालैंड पहुंच गए। राहुल गांधी मणिपुर में 2 दिन गुजारे और अपनी यात्रा को लेकर आगे बढ़ गए। ऐसे में यह सवाल पैदा होता है कि राहुल गांधी के जाने के बाद मणिपुर में उनकी कही बातों का क्या असर पड़ेगा?
क्या राहुल गांधी की ये यात्रा मणिपुर में लगातार चौड़ी होती जा रही विभाजन की खाई को पाट पाएगी?
क्या है राहुल गांधी का दावा?
राहुल गांधी ने दावा किया है कि उन्होंने मणिपुर के लोगों को न्याय दिलाने के लिए यहीं से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू करने का फैसला किया है। राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस पिछले 8 महीने से मणिपुर के लोगों के साथ हो रहे अन्य को दूर करके उन्हें न्याय दिलाना चाहती है इसलिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मणिपुर के लोगों में भरोसा जताने के लिए आए हैं। दूसरे दिन भी राहुल गांधी ने किसी दावे को दोहराया। राहुल गांधी बोले कि कांग्रेस मणिपुर को फिर से शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण बनाना चाहती है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दूसरे दिन की शुरुआत सोमवार को मणिपुर के सेकमाई से हुई। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' की थी और इसका उद्देश्य भारत के लोगों को एक साथ लाना था। यह एक बहुत ही सफल यात्रा थी। वह पूरब से पश्चिम तक एक और यात्रा निकालना चाहते थे और फिर यह तय किया कि यात्रा को मणिपुर से शुरू किया जाए, ताकि देश के लोगों को यह पता चल सके कि मणिपुर के लोग किस दौर से गुजर रहे हैं, किस कठिनाई से गुजर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वह मणिपुर के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। वह मणिपुर के लोगों के दर्द को महसूस कर सकते हैं। मणिपुर की जनता ने एक त्रासदी का सामना किया है। लोगों ने परिवार के सदस्यों को खो दिया है, संपत्तियाँ खो दी हैं। कांग्रेस मणिपुर को फिर से शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण बनाना चाहती है। उन्हें उम्मीद है कि मणिपुर में जल्द से जल्द शांति लौटेगी।
राहुल की बातों का कितना प्रभावः यात्रा के दौरान कही जा रही राहुल गांधी की बातों का मणिपुर की जनता पर फिलहाल तो सकारात्मक प्रभाव पड़ता दिख रहा है। यह प्रभाव कितने दिन रहेगा और आखिरकार क्या वोट में बदलेगा यह एक अहम सवाल है। यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी को जनता का भरपूर समर्थन देखने को मिला। राहुल गांधी ने रास्ते में स्वागत के लिए कतार में खड़े हजारों लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया और लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में पूछा। यात्रा में स्थानीय लोगों द्वारा मणिपुर के पारंपरिक नृत्य पेश किए गए। यह बात सचमुच हैरान करने वाली है कि जो मणिपुर पिछले 8 महीने से हिस्सा में झुलस रहा है और जहां जगह- जगह अभी भी हिंसा और आगज़नी केके निशान बाकी हैं, वहां राहुल गांधी को देखने के लिए खूब भीड़ उमड़ी। महिलाएं, बच्चे, बूढ़े और जवान राहुल गांधी से मिलने को और उनसे अपनी बात कहने को बेताब दिखे।
बच्चों के राहुल अंकल
मणिपुर के बच्चों का एक ग्रुप राहुल गांधी से मिलने आया तो राहुल गांधी ने उन्हें अपनी बस में बैठा लिया इन बच्चों के हाथ में तख्ती लिखी हुई थी जिस पर लिखा था, 'राहुल अंकल, हम भारत का भविष्य हैं और हमारा भविष्य आप पर निर्भर करता है।' राहुल गांधी के साथ इन बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी ने बच्चों, नौजवानों और महिलाओं के साथ अलग-अलग बातचीत की। कई जगह रुककर उन्होंने तसल्ली के साथ बैठकर उनसे बातचीत की। उनकी समस्याओं को समझा और उनके उनके समाधान का वादा किया। मणिपुर में दो दिन की अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने स्थानीय लोगों के बीच अपनी और अपनी पार्टी के प्रति विश्वास बहाली की जीतोड़ कोशिश की। इन कोशिशें में कांग्रेस को कितनी कामयाबी मिलेगी, ये इस बात यह इस बात पर निर्भर करेगा की यात्रा के बाद कांग्रेस की स्थानीय निकाय इकाई इस प्रभाव को चुनाव तक कैसे सहेज कर रखती है।
जातीय विभाजन की खाई पाटने की कोशिश
राहुल गांधी ने मणिपुर में जातीय विभाजन की लगातार चौड़ी होती जा रही खाई को पढ़ने की भी कोशिश की है। यहां मैं पिछले साल में के महीने से मेहताई और कुकी के बीच लगातार हिंसक झाड़ पर हो रही है ऐसा लगता है कि मणिपुर दो हिस्सों में बंठ गया है। एक समुदाय के नेता तक दूसरे समुदाय के नेताओं से मिलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। ऐसे में राहुल गांधी ने दोनों के बीच एक पल बने की कोशिश करने की हिम्मत दिखाई है। रविवार को जिस जगह से राहुल गांधी ने भारत जोड़ो ने यात्रा की शुरुआत की वह मैतई बहुत इलाका है। जबकि दूसरे दिन राहुल गांधी ने कुकी बाहुल्य इलाकों से यात्रा निकाल कर दूरियां मिटाने की कोशिश की। राहुल गांधी दोनों समुदाय के लोगों से अलग-अलग मिले। सुबह की खबर में जिस जगह से राहुल गांधी ने अपनी यात्रा की शुरुआत की है 2 जनवरी को यहां हिंसा में चार लोग मारे गए थे। उसके बाद भी कई जगह से हिंसा की खबरें आई हैं। राहुल गांधी ने दोनों समुदायों से के बीच संवाद स्थापित करने की कोशिश की है। इससे ये संदेश गया है कि देश के प्रधानमंत्री को मणिपुर के लोगों की चिंता नहीं है लेकिन राहुल गांधी को चिंता है।
Manipur, our pristine and beautiful state has been ravaged by violence and hatred for 8 months
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) January 15, 2024
Needs love not apathy
Needs dialogue not diktat
These people queue up for @RahulGandhi because in him they see hope - hope for justice
Nyay Ka Haq Milne Tak 🇮🇳 pic.twitter.com/W4swzS6m05
महिलाओं के सम्मान पर खास जोर
राहुल गांधी ने महिलाओं के सम्मान पर खास जोर दिया है। यही वजह है कि राहुल गांधी के यात्रा और को देखने करने महिलाएं बड़ी संख्या में आ रही है। सोमवार को राहुल गांधी आदिवासी महिलाओं के निर्वस्त्र घुमाने वाले कांगपोकपी जिले से गुजरे। उसे जगह पहुंचकर महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए न्याय योद्धा बनने की अपील की जहां महिलाओं को निर्वस्त्र करके घूमने की शर्मनाक घटना हुई थी। यहां राहुल से मिलने बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची। राहुल गांधी महिलाओं को न्याय दिलाने की बात कर रहे थे तो कोई महिलाओं को भावुक होते हुए देखा गया। इस दौरान महिलाओं ने उन्हें न्याय दिलाने के साथ बेरोजगारी, पिछड़ेपन और महंगाई की समस्या से भी रुबरु कराया। राहुल ने कहा कि वह मणिपुर के लोगों के दर्द को महसूस कर सकते हैं। मणिपुर की जनता ने एक त्रासदी का सामना किया है। कांग्रेस फिर से शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण बनाना चाहती है।
LIVE: Shri @RahulGandhi resumes #BharatJodoNyayYatra from Kohima, Nagaland.https://t.co/6NlWXcT27s
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) January 16, 2024
निशाने पर पीएम मोदी
अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर रखा है। लगभग हर जगह उन्होंने यह सवाल उठाया कि नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं आ रहे। सोमवार को कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने भी मणिपुर मैं पिछले 8 महीने से चल रही हिंसा पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी और उनके मणिपुर नहीं आने को लेकर जमकर हमला बोला। सामने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया। कन्हैया कुमार पीएम मोदी पर ज्यादा आक्रामक दिखे उन्होंने दो टूक कहा कि वोटो के समीकरण के चलते नरेंद्र मोदी मणिपुर आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। उन्होंने सवाल उठाया कि नरेंद्र मोदी के पास एसपीजी सुरक्षा है, हजारों करोड़ों का विमान है। बावजूद अगर वह मणिपुर नहीं आ रहे तो इसीलिए के वह यहां के लोगों की नाराजगी का सामना मत नहीं जुटा पा रहे।नं यही वजह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वह मिजोरम भी नहीं जा पाए थे।
राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत सोमवार को मणिपुर के सेकमाई से हुई। यहां से यात्रा इंफाल वेस्ट होते हुए कांगपोकपी पहुंची। इस दौरान सडक़ के दोनों किनारों पर हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए महिलाएं, युवतियों और स्टूडेंट्स का हुजूम जमा था। कई के हाथ में बैनर और ज्ञापन भी थे। इस दौरान राहुल ने महिलाओं और अन्य लोगों से उनकी समस्याएं जानी। इससे पहले न्याय यात्रा की शुरुआत पारंपरिक रूप से किए गए झंडारोहण से हुई। शाम को यह यात्रा पांच जिलों से होती हुई 257 किलोमीटर का सफर तय करती हुई मणिपुर-नागालेंड सीमा पर स्थित मऊ गेट पर समाप्त हुई। मणिपुर से यात्रा के गुजरने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि मणिपुर में जातीय विभाजन की खाई को पाटने में यह यात्रा कितनी मददगार साबित होगी?