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पत्नी से प्रताड़ित, सिस्टम से हताश इंजीनियर- '...तो मेरी अस्थियाँ गटर में बहा देना!'

पत्नी से प्रताड़ित, सिस्टम से हताश इंजीनियर- '...तो मेरी अस्थियाँ गटर में बहा देना!'

क्या पत्नी की प्रताड़ना और सिस्टम से नाउम्मदी इस हद तक पहुँच सकती है कि मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले शख्स को आत्महत्या करनी पड़ जाए? इतनी पीड़ा कि 1.21 घंटे का वीडियो बनाये, 24 पेज का लेटर लिखे और फिर सब ख़त्म....?

बेंगलुरु से एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। पत्नी और ससुराल वालों से ऐसी प्रताड़ना और सिस्टम से ऐसी हताशा मिली कि शख्स को आत्महत्या के अलावा कोई और रास्ता नहीं सूझा। कैसी पीड़ा रही होगी कि आत्महत्या से पहले शख्स ने 1 घंटा 21 मिनट से ज़्यादा का वीडियो बनाकर सिस्टम की खामियों की बखिया उधेड़ दी। 24 पेज का ख़त लिखकर न्याय की मांग की। मौत के बाद भी न्याय की नाउम्मीदी में ही 34 वर्षीय शख्स ने अंतिम इच्छा में अपनी अस्थियों को लेकर कह दिया... तो मेरी अस्थियाँ कोर्ट के बाहर गटर में बहा देना!

दरअसल, यह मामला बेंगलुरु के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष का है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के इंजीनियर के रूप में काम करने वाले सुभाष ने अपनी अलग रह रही पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली है। उन्होंने आत्महत्या से पहले 1 घंटा 21 मिनट का वीडियो बनाकर अपने उत्पीड़न की पूरी कहानी बयां की है। उन्होंने इसमें बताया है कि किस तरह से उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष के अन्य लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया, सिस्टम से उन्हें न्याय नहीं मिला। उन्होंने सिस्टम में खामियों को लेकर 24 पेज का ख़त लिखा। और आख़िर में उन्होंने आत्महत्या कर ली। 

अतुल सुभाष बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में एक फ्लैट में रहते थे। पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो सुभाष का शव फंदे पर लटका मिला। कमरे में ‘जस्टिस इज ड्यू’ लिखी एक तख्ती मिली। सुभाष की खुदकुशी मामले में चार लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की गई है। एफ़आईआर में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम है। अतुल के भाई बिकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत की है। 

सुभाष ने वीडियो में क्या लगाए हैं आरोप?

1 घंटा 21 मिनट के वीडियो में अतुल ने कहा है कि उन्होंने 2019 में शादी की थी। अगले साल उन्हें एक बेटा हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और पत्नी का परिवार उनसे हमेशा पैसों की डिमांड करता रहता था, जो वो पूरी भी करते थे। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने और पैसे देना बंद कर दिया तो पत्नी 2021 में उनके बेटे को लेकर बेंगलुरु छोड़कर चली गई।

वीडियो में सुभाष ने आरोप लगाया है कि 2022 में पत्नी ने उनके और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए। इनमें मर्डर और अप्राकृतिक यौन संबंध का केस भी शामिल था। उन्होंने कहा है कि उनकी जानकारी में उनके ख़िलाफ़ 9 मुक़दमे हैं। अतुल ने कहा कि उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि उन्होंने 10 लाख रुपए दहेज मांगा था, जिसके चलते उसके पिता का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

वीडियो में सुभाष कहते सुने जा सकते हैं कि मेरी पत्नी पहले ही कोर्ट में सवाल-जवाब में इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि उसके पिता लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले 10 साल से दिल की बीमारियों और डायबिटीज के लिए AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें जीने के लिए कुछ ही महीने का समय दिया था, तभी हमने जल्दबाजी में शादी की थी। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में शादी के कुछ महीने बाद ही उनका निधन हो गया था। इसके बाद भी 2021 तक दोनों साथ रहे। 2022 में उनके ख़िलाफ़ मुक़दमे दायर किए गए।

'तुम आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते'

वीडियो में अतुल ने कहा है कि मेरी पत्नी ने ये केस सेटल करने के लिए पहले 1 करोड़ रुपए की डिमांड की थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया। उन्होंने कहा कि जब इस 3 करोड़ रुपए की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी पत्नी का साथ दिया।

वीडियो में अतुल ने कहा कि 'मैंने जज को बताया कि एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, तो पत्नी ने बीच में कहा कि तुम भी आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते हो। इस बात पर जज हंस पड़ी और कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो। मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी।'

अतुल ने आरोप लगाया है कि अब वो बच्चे को पालने के लिए खर्च के तौर पर 2-4 लाख रुपए महीने की डिमांड कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मेरी पत्नी मुझे मेरे बेटे से मिलने तक नहीं देती है।

सुभाष ने वीडियो के आख़िर में अपनी आखिरी इच्छा भी बताई है। उन्होंने कहा कि 'मेरे केस की सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट हो। पत्नी मेरे शव के आसपास भी न आए। जब तक प्रताड़ित करने वालों को सजा न हो, मेरी अस्थियां विसर्जित न हों। यदि भ्रष्ट जज, मेरी पत्नी और उसके परिजन को कोर्ट बरी कर दे तो मेरी अस्थियां उसी अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। मेरे बेटे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दी जाए।'

उनके वीडियो और ख़त को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रयाएँ आ रही हैं। उनकी आत्महत्या ने दहेज विरोधी कानूनों के दुरुपयोग पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है।

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

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