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बजरंग का पलटवार- विनेश की ओलंपिक हार पर खुश हो रहे हैं बृजभूषण

बजरंग का पलटवार- विनेश की ओलंपिक हार पर खुश हो रहे हैं बृजभूषण

विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर बृजभूषण शरण सिंह के आरोपों पर बजरंग पुनिया ने पलटवार किया है। जानिए, उन्होंने क्या कहा।

ओलंपिक पदक विजेता और कांग्रेस में शामिल हुए बजरंग पुनिया ने बृजभूषण शरण सिंह पर पलटवार किया है और कहा है कि बृजभूषण विनेश फोगाट की ओलंपिक हार का जश्न मना रहे हैं। बृजभूषण ने कहा था कि पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था। उन्होंने दावा किया था कि 'भगवान ने विनेश को दंडित किया इस वजह से उन्होंने ओलंपिक पदक जीतने का मौका गँवा दिया'।

बजरंग ने इंडिया टुडे से कहा, 'यह देश के प्रति बृजभूषण सिंह की मानसिकता को उजागर करता है। यह विनेश का पदक नहीं था। यह 140 करोड़ भारतीयों का पदक था। और वह उसकी हार पर खुशी मना रहे हैं।' पुनिया ने आरोप लगाया कि जिस तरह से विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में पदक से चूक गईं, वह राष्ट्रीय शोक का विषय था, लेकिन भाजपा के आईटी सेल ने उनका मजाक उड़ाने और उन्हें नीचा दिखाने के लिए अभियान चलाया। उन्होंने आरोप लगाया, "जिन लोगों ने विनेश की अयोग्यता का जश्न मनाया, क्या वे देशभक्त हैं? हम बचपन से देश के लिए लड़ रहे हैं, और वे हमें देशभक्ति सिखाने की हिम्मत करते हैं। वे लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहे हैं।'

कांग्रेस ने 2 साल पहले लिखी थी पटकथा: बृजभूषण

इससे पहले बृजभूषण शरण सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके ख़िलाफ़ सभी आरोप और विरोध-प्रदर्शन कांग्रेस ने कराए। विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बृजभूषण ने आरोप लगाया कि यह कदम दो साल पहले शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन एक राजनीतिक साजिश के अलावा और कुछ नहीं है।

बृजभूषण का यह बयान तब आया है जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। विनेश को जुलाना सीट से कांग्रेस का टिकट दिया गया है। बजरंग पुनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। दोनों पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थे। 

इसी बीच पीटीआई से बात करते हुए बृजभूषण ने कहा, 'क़रीब दो साल पहले, इन खिलाड़ियों ने 18 जनवरी को एक साज़िश शुरू की थी। जिस दिन यह सब शुरू हुआ, मैंने कहा था कि यह एक राजनीतिक साज़िश है। इसमें कांग्रेस शामिल थी, जिसमें दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा भी शामिल थे। पूरी पटकथा लिखी गई थी। यह खिलाड़ियों का आंदोलन नहीं था। और अब, क़रीब दो साल बाद यह साफ़ हो गया है कि कांग्रेस इस नाटक में शामिल थी।' 

उन्होंने ने कहा, 'जब वे विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो देश ने माना कि इसमें सच्चाई है और विपक्षी दल मेरे खिलाफ लामबंद हो गए। वे झूठ बोल रहे हैं। मामले में जिस घटना का जिक्र किया गया है, उस दिन मैं वहां नहीं था।'

बृजभूषण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न, मारपीट और पीछा करने के मामले में 1,500 पन्नों की चार्जशीट में चार राज्यों के कम से कम 22 गवाहों के बयान शामिल थे। इनमें पहलवान, एक रेफरी, एक कोच और एक फिजियोथेरेपिस्ट शामिल थे।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गवाहों ने पुलिस को दिए बयान में आरोपों की पुष्टि की है। बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किए जाने के एक साल से अधिक समय बाद जुलाई में मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस साल मई में अदालत ने उनके खिलाफ महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला करने और यौन उत्पीड़न के तहत आरोप तय किए थे।

बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न को लेकर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कैसरगंज से बीजेपी सांसद रहे बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और महिला पहलवानों का पीछा करने का आरोप लगाया गया था।

दिल्ली पुलिस ने पहले अदालत से कहा था कि आरोपी बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराया कि उन्होंने ऐसा एक पिता की तरह किया। 

महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में ऐसी ही यौन उत्पीड़न की शिकायतें की गई हैं। एक पीड़ित पहलवान की शिकायत में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।

दूसरी महिला पहलवानों ने भी यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई घटनाओं में छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है।

आरोप लगाया गया है कि इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक ​​कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। उन्होंने कहा है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था। हालाँकि, बृजभूषण ने इन आरोपों को खारिज किया है।

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