गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक बिल बुधवार को लोकसभा से पास हो गया। विधेयक के क़ानून बन जाने पर सरकार किसी को भी आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के शक के आधार पर आतंकवादी घोषित कर सकती है। लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 287 वोट पड़े और 8 वोट इसके विरोध में पड़े। विधेयक पर वोटिंग से पहले विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया और इसे बेहद घातक बताया।
विधेयक में हुए संशोधनों की हिमायत करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जोरदार हमला किया। शाह ने कहा कि आतंकवाद लोगों की प्रवृत्ति में है, संगठनों में नहीं। उन्होंने कहा कि एक आज एक ऐसे प्रावधान की ज़रूरत है कि जिससे किसी को भी आतंकवादी घोषित किया जा सके। गृह मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में इसके लिए प्रक्रिया है, अमेरिका में है, यहाँ तक कि पाकिस्तान, चीन, इज़राइल आदि देशों ने भी ऐसा किया है।
शाह ने कहा कि देश में कई लोग हैं जो सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं और अच्छा काम कर रहे हैं। पुलिस ऐसे लोगों को नहीं पकड़ती है लेकिन जो लोग अर्बन माओवादी हैं उनके लिए हमारे दिल में कोई दया नहीं है।
शाह ने कहा कि आज समय की माँग है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ सख़्त क़ानून बनाया जाए। यदि किसी आतंकवादी संगठन को प्रतिबंधित किया जाता है तो उससे जुड़ा आतंकवादी आसानी से दूसरा संगठन बना लेता है। विपक्ष के कई नेताओं ने इस विधेयक का जोरदार विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इस विधेयक में किए गए बदलावों का विरोध किया और कहा कि इस क़ानून का इस्तेमाल व्यक्तिगत रूप से लोगों को फंसाने के लिए किया जा सकता है। मोइत्रा ने कहा कि अगर यह बिल देश की संसद में पास हो जाता है तो इसका देश के संघीय ढाँचे पर प्रभाव पड़ेगा।
मोइत्रा ने कहा कि अगर केंद्र किसी को निशाना बनाना चाहता है तो वह किसी क़ानून की मदद से ऐसा कर सकता है। विपक्ष के नेता, अल्पसंख्यक और सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य लोग, भारत के विचार से असहमत होते हैं तो सरकार हमें दबाव में लाने की कोशिश कर सकती है। मोइत्रा ने कहा कि जब भी विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार का विरोध करता है तो हमें देशद्रोही क्यों कहा जाता है। विपक्ष के इन सवालों पर शाह ने कहा कि समाज में सही ढंग से काम कर रहे लोगों को कोई परेशान नहीं करता है। कई लोग बेहतर काम कर रहे हैं लेकिन हमारी सरकार शहरी माओवादियों को ख़त्म कर देगी। शाह ने विपक्ष से पूछा कि क्या वे यह नहीं जानते कि इस विधेयक को कौन लाया, इसे कठोर किसने बनाया। उन्होंने विपक्ष से कहा, ‘जब आप सत्ता में थे तो तब यह विधेयक लाया गया, तब यह सही था और अब जो मैं कर रहा हूँ वह भी सही है।’
गृह मंत्री ने कहा कि सभी सरकारों को आतंकवाद से लड़ना चाहिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सी पार्टी की सरकार सत्ता में है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि संशोधन विधेयक को जल्दबाजी में लाया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इस तरह के प्रावधान का विरोध किया था।