अग्निपथ के खिलाफ युवकों का आंदोलन अभी तक 7 राज्यों में फैल चुका है। बिहार के बाद यूपी, तेलंगाना, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान में इसका असर सबसे ज्यादा है। यूपी के बलिया, मथुरा और वाराणसी में हालात ज्यादा खराब हैं। अलीगढ़ में जट्टारी में पुलिस चौकी फूंक दी गई। अलीगढ़ में पलवल मार्ग पर यूपी रोडवेज की बस जला दी गई। सबसे ज्यादा असर उसी बेल्ट में दिख रहा है, जहां से सेना में युवकों की भर्तियां ज्यादा होती हैं। बहरहाल, यूपी पुलिस का दावा है कि यमुना एक्सप्रेसवे खुलवा दिया गया है।
इस आंदोलन में अभी तक तीन ट्रेनों की 28 बोगियां जलाई जा चुकी है। करीब दो दर्जन से ज्यादा बसों में तोड़फोड़ की गई या उन्हें आग के हवाले किया गया। बिहार के समस्तीपुर जिले में बिहार संपर्क क्रांति के 10 डिब्बों को आग के हवाले कर दिया गया। समस्तीपुर में विक्रमशिला एक्सप्रेस को नुकसान पहुंचाया गया। इसके 12 डिब्बे जलकर राख हो गए। यहीं पर लोहित एक्सप्रेस में आग लगा दी गई। करीब 6 डिब्बों को नुकसान हुआ है। बिहार में अधिकतर रेल लाइनों पर ट्रेनों का ऑपरेशन बाधित है।
यूपी के बलिया में भी सुबह एक ट्रेन में आग लगा दी गई। यह ट्रेन पूरी तरह खाली थी। हावड़ा दिल्ली रेल मार्ग पूरी तरह बाधित है। यूपी के अलीगढ़ से गुजर रहे जिस यमुना एक्सप्रेसवे को सुबह युवकों ने बंद कर दिया था, उसके बारे में यूपी पुलिस ने दोपहर बाद दावा किया कि युवकों को समझाकर जाम खुलवा दिया गया है। अब यमुना एक्सप्रेसवे से जाया जा सकता है।
यूपी के छोटे-छोटे कस्बों में जिस तरह यह आंदोलन फैल रहा है, वो बहुत चिन्ता का विषय है। जिस तरह मथुरा में हरियाणा रोडवेज की बसों को निशाना बनाया गया, वो खतरनाक है। तमाम राज्यों की बसें इन कस्बों में फंसी हुई हैं। इसके अलावा प्राइवेट बसें भी फंसी हुई हैं।