देश में जितनी संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आए हैं उनमें से 85 फ़ीसदी संक्रमण के मामले सिर्फ़ आठ राज्यों में हैं। इन 8 राज्यों में ही देश भर की कुल मौतों की 87 फ़ीसदी मौतें हुई हैं। ये 8 राज्य हैं- महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इन राज्यों में कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों को लगाया है। इसने कहा कि राज्यों को सहायता देने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, महामारी विशेषज्ञ और वरिष्ठ संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी वाली 15 केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है। फ़िलहाल एक अन्य केंद्रीय टीम कोविड-19 के प्रबंधन के लिए चल रहे प्रयासों को मज़बूत करने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना का दौरा कर रही है।
जिन आठ राज्यों का ज़िक्र किया गया है उनमें से महाराष्ट्र में डेढ़ लाख से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 7 हज़ार से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। इसी तरह दिल्ली में 80 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले व 24 से ज़्यादा मौतें, तमिलनाडु में 74 हज़ार से ज़्यादा मामले व साढ़े नौ सौ मौतें हो चुकी हैं। इन तीन राज्यों में ही क़रीब 63 फ़ीसदी मामले हैं। गुजरात में 30 हज़ार से ज़्यादा, उत्तर प्रदेश में 20 हज़ार से ज़्यादा, पश्चिम बंगाल में 16 हज़ार से ज़्यादा, तेलंगाना में 12 हज़ार से ज़्यादा और आँध्र प्रदेश में 11 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि भारत की रिकवरी दर लगभग 60 प्रतिशत है, जबकि मृत्यु दर 3 प्रतिशत के पास। डबलिंग दर अब 19 दिन है। डॉ. हर्षवर्धन 17 वें ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स (जीओएम) की बैठक के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'हमारे यहाँ मृत्यु दर 3 प्रतिशत के पास है जो बहुत कम है। हमारी डबलिंग दर 19 दिनों के क़रीब आ गई है, जो लॉकडाउन से तीन दिन पहले थी।' बता दें कि पूरे देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 5 लाख से ज़्यादा हो गए हैं और ठीक होने वाले लोगों की संख्या क़रीब तीन लाख है।
संक्रमण की मौजूदा स्थिति और इसको नियंत्रित करने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के परीक्षण के लिए अब 1,026 डायग्नोस्टिक लैब हैं, जिनमें निजी क्षेत्र के 285 शामिल हैं। बैठक में बेड की कमी से जूझ रहे दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों के अस्पतालों में बेडों की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई।
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कहा है कि 26 जून को 2,20,479 नमूनों का परीक्षण किया गया है। शनिवार को 2 लाख 31 हज़ार 95 सैंपल टेस्ट किए गए। 27 जून तक 82 लाख 27 हज़ार 802 सैंपल की जाँच की गई।