रूसी हमले के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए भारत के तमिलनाडु का एक छात्र यूक्रेन में अर्धसैनिक बलों में शामिल हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले का 21 वर्षीय छात्र सैनिकेश रविचंद्रन यूक्रेन के जॉर्जियन नेशनल लीजन पारामिलिट्री फोर्स में शामिल हुआ।
सैनिकेश 2018 में खारकीव में नेशनल एयरोस्पेस यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए यूक्रेन गया था। उसे जुलाई 2022 तक कोर्स पूरा करना था।
यूक्रेन में जारी जंग के बीच उसके परिवार का सैनिकेश से संपर्क टूट गया था। दूतावास की मदद लेने के बाद वे सैनिकेश से संपर्क करने में सफल रहे। उसने अपने परिवार को बताया कि वह रूस के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए यूक्रेनी अर्धसैनिक बलों में शामिल हुआ है।
जब इसकी जानकारी भारत में अधिकारियों को हुई तो खुफिया अधिकारियों ने उसके घर का दौरा किया और उसके माता-पिता से इस बारे में पूछताछ की।
सोशल मीडिया पर इसको लेकर जानकारी साझा की जा रही है। ज़ाका जैकब ने ट्वीट किया है, 'कोयंबटूर का लड़का युद्ध में यूक्रेन की सेना में शामिल। कोयंबटूर के थुडियालुर से सैनिकेश रविचंद्रन खारकीव नेशनल एयरोस्पेस यूनिवर्सिटी में छात्र थे। सैनिकेश रूस के खिलाफ लड़ाई में जॉर्जियाई राष्ट्रीय सेना में शामिल हो गया है।'
यूक्रेन के मीडिया हाउस कीव इंडेपेंडेंट की पत्रकार अनास्तासिया लापटिना ने ट्वीट किया है, 'यूक्रेन की प्रादेशिक रक्षा बलों की पहली अंतरराष्ट्रीय सेना में अमेरिका, मैक्सिको, भारत, स्वीडन और अन्य के लड़ाके।'
सैनिकेश रविचंद्रन के यूक्रेनी अर्धसैनिक बलों में शामिल होने की ख़बर आने के बाद भारत में उसकी तहकीकात हुई। खुफिया अधिकारियों ने पूछताछ में पाया कि उसने भारतीय सेना में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया था। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, उसे दो बार भारतीय सेना ने उसकी ऊँचाई के कारण अस्वीकार कर दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया अधिकारियों ने कुछ दिन पहले कोयंबटूर के थुडियालुर के पास सुब्रमण्यमपलयम में सैनिकेश रविचंद्रन के घर का दौरा किया था। दो दिन पहले, उन्होंने उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, आचरण और यूक्रेन के लिए हथियार उठाने के उसके निर्णय के संभावित कारण का वर्णन करते हुए एक रिपोर्ट दी है। सैनिकेश के परिवार ने जाहिर तौर पर उसे घर लौटने के लिए मनाने की कोशिश की थी, लेकिन उसने मना कर दिया।
युवक आखिरी बार जुलाई 2021 में भारत आया था और करीब डेढ़ महीने तक रहा। एक महीने पहले सैनिकेश ने अपने परिवार को फोन किया और उन्हें बताया कि उसे एक वीडियो गेम डेवलपमेंट कंपनी में अंशकालिक रोजगार मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, पारिवारिक मित्र ने कहा, 'जब युद्ध छिड़ गया, तो वह चार दिनों के लिए संपर्क में नहीं था। तभी हमने तमिलनाडु के एक युवक के यूक्रेनी सेना में शामिल होने की मीडिया रिपोर्ट देखी और हम हैरान रह गए।'