सिंगापुर के पीएम का 'नेहरू का भारत' वाले बयान पर उच्चायुक्त तलब: रिपोर्ट
भारत के विदेश मंत्रालय ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग द्वारा संसद में की गई टिप्पणी पर भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग को तलब किया है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से यह ख़बर आई है। रिपोर्ट है कि भारत ने 'नेहरू के भारत' और सांसदों के आपराधिक रिकॉर्ड पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की निंदा की है और कहा है कि वह इस मुद्दे को सिंगापुर के सामने उठाएगा। भारत ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री की टिप्पणी को अनावश्यक बताया है।
इस मामले में शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है, 'मैं कल्पना कर सकती हूँ कि विदेश मंत्रालय सिंगापुर के प्रधानमंत्री द्वारा अपने भाषण में नेहरू के भारत के विचार को याद करने पर इतना नाराज़ हो गया कि उच्चायुक्त को बुलाया गया। इससे हर बार भारत के पहले पीएम को बदनाम करने के भारत सरकार के नैरेटिव को ठेस पहुंची होगी। चाहते हैं कि दुनिया भूल जाए, लेकिन मुश्किल है।'
I can imagine the MEA being outraged over Singapore PM recalling Nehru’s idea of India in his speech, so much so that the High Commisioner was summoned. It must hurt GoI’s narrative of denigrating India’s first PM at every given instance. Want the world to forget, but, difficult.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) February 17, 2022
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने दो दिन पहले ही कहा है, 'जबकि नेहरू का भारत ऐसा बन गया है, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जहाँ की लोकसभा में लगभग आधे सांसदों के ख़िलाफ़ बलात्कार और हत्या के आरोपों सहित आपराधिक मामले लंबित हैं। हालांकि यह भी कहा जाता है कि इनमें से कई आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।'
समझा जाता है कि इसी बयान को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। वैसे, ली ने संसद में अपने संबोधन के दौरान कई सारी बातें कही हैं। उन्होंने कहा, 'ज़्यादातर देश उच्च आदर्शों और महान मूल्यों के आधार पर स्थापित होते हैं और शुरू होते हैं। लेकिन अक्सर संस्थापक नेताओं और अग्रणी पीढ़ी के बाद दशकों और पीढ़ियों में धीरे-धीरे चीजें बदल जाती हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'चीजें तीव्र जोश के साथ शुरू होती हैं। स्वतंत्रता के लिए लड़ने और जीतने वाले नेता अक्सर महान साहस, अपार संस्कृति और उत्कृष्ट क्षमता वाले असाधारण व्यक्ति होते हैं। वे आग में तपकर आए और लोगों और राष्ट्रों के नेताओं के रूप में उभरे। वे डेविड बेन-गुरियन्स हैं, जवाहरलाल नेहरू हैं, और हमारे अपने भी हैं।'
ली के बयान वाली एक वीडियो क्लिप को ट्विटर पर साझा करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा है, 'सिंगापुर के पीएम ने लोकतंत्र को कैसे काम करना चाहिए, इस पर बहस के दौरान नेहरू का ज़िक्र किया, जबकि हमारे प्रधानमंत्री संसद के अंदर और बाहर हर समय नेहरू को बदनाम करते रहते हैं।'
Singapore PM invokes Nehru to argue how democracy should work during a parliamentary debate whereas our PM denigrates Nehru all the time inside and outside Parliament
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 17, 2022
pic.twitter.com/B7WVhzxb9h
जयराम रमेश ने यह आरोप तब लगाया है जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाहर लाल नेहरू पर हमला करते रहे हैं। कुछ दिन पहले ही राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाहरलाल नेहरू को भी निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा था, 'पंडित नेहरू की सबसे बड़ी चिंता अंतरराष्ट्रीय छवि की रहती थी। गोवा इसीलिए आज़ादी के 15 साल बाद हिन्दुस्तान के साथ आया। जब गोवा में सत्याग्रहियों पर गोलियां चल रही थीं तब नेहरू ने कहा था कि वे सेना नहीं भेजेंगे। नेहरू जी की वजह से गोवा 15 साल ज़्यादा ग़ुलाम रहा।'
अपने पिछले कार्यकाल में संसद में ऐसी ही बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि कांग्रेस और नेहरू ने इस देश को लोकतंत्र नहीं दिया। मोदी ने गांधी-नेहरू परिवार पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि जिस नेहरू को कांग्रेसी लोकतंत्र का मसीहा बताते हैं, उन्हीं के नाती राजीव गांधी ने एयरपोर्ट पर अपने दलित मुख्यमंत्री को अपमानित करते हुए पद से हटा दिया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री और बीजेपी लगातार नेहरू व कांग्रेस पर तरह-तरह के आरोप लगाते रहे हैं। वे जहाँ सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की उपेक्षा करने के लिए नेहरू पर आरोप लगाते हैं तो जम्मू-कश्मीर मुद्दे के लिए भी उन्हें ज़िम्मेदार ठहराते हैं।