यूक्रेन में भारतीयों के बंधक बनाए जाने के रूसी दावे को भारत ने किया खारिज
भारत सरकार ने यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक के रूप में रखे जाने की ख़बरों का आज खंडन किया है और कहा है कि वह युद्धग्रस्त यूक्रेन में भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है। रूस ने बुधवार शाम को दावा किया था कि यूक्रेनी सैनिकों ने खारकीव शहर में भारतीय छात्रों के बड़े समूह को बंधक बना रखा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हमें किसी भी छात्र के बारे में किसी भी बंधक की स्थिति की रिपोर्ट नहीं मिली है। हमने खारकीव और पड़ोसी क्षेत्रों से छात्रों को देश के पश्चिमी हिस्से में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने में यूक्रेनी अधिकारियों के समर्थन का अनुरोध किया है।'
Our response to media queries regarding reports of Indian students being held hostage in Ukraine ⬇️https://t.co/RaOFcV849D pic.twitter.com/fOlz5XsQsc
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 3, 2022
खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। भारत ने बुधवार शाम को ही अपने नागरिकों को तुरंत खारकीव को छोड़ने को कहा था। इसने यह भी कहा था कि जिन छात्रों को बस, या ट्रेन नहीं मिल रही है वे पैदल ही निकल जाएँ और 11 किलोमीटर दूर पेसोचिन, 12 किलोमीटर दूर बाबे और 16 किलोमीटर दूर बेज़लुडोवका पहुँच जाएँ। खारकीव शहर में ही मंगलवार को एक भारतीय छात्र गोलीबारी में मारा गया था।
15 लाख की आबादी वाला पूर्वोत्तर यूक्रेन का शहर पिछले हफ्ते रूसी सेना के हमले के बाद से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई भारतीय छात्र इसे छोड़ने के लिए संघर्ष करते दिखे।
इसी बीच एक रूसी सैन्य प्रवक्ता ने बुधवार को एक ब्रीफिंग में कहा था, 'हमारी जानकारी के अनुसार यूक्रेनी अधिकारी भारतीय छात्रों के एक बड़े समूह को खारकीव में जबरन रख रहे हैं, जो यूक्रेनी क्षेत्र छोड़कर बेलगोरोड जाना चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'वास्तव में उन्हें बंधकों के रूप में रखा जा रहा है... रूसी सशस्त्र बल भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए तैयार हैं। और उन्हें रूसी क्षेत्र से अपने सैन्य परिवहन विमानों या भारतीय विमानों में घर भेजने के लिए तैयार है, जैसा कि भारतीय पक्ष ने करने का प्रस्ताव रखा है।'
रूसियों द्वारा चौंकाने वाला यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने के कुछ समय बाद आया, जहाँ एक हजार से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए थे।
बता दें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के 7 दिनों के भीतर 10 लाख से ज्यादा लोगों को यूक्रेन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र की एक शरणार्थी एजेंसी ने यह जानकारी दी है। एजेंसी ने इस बात को भी कहा है कि 40 लाख लोगों को यूक्रेन छोड़ना पड़ सकता है।
रूस के द्वारा हमला किए जाने के बाद से ही यूक्रेन के लोग पोलैंड, मोल्दोवा, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया की ओर जा चुके हैं। लेकिन ऐसे लोगों की मुश्किलें बहुत ज्यादा हैं जो यूक्रेन में फंस गए हैं क्योंकि रूस की ओर से कई प्रमुख शहरों पर लगातार बमबारी की जा रही है।