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<div>ईरान का दावा खारिज; बैठक में नहीं उठा था पैगंबर पर टिप्पणी का मुद्दा: केंद्र</div>

ईरान का दावा खारिज; बैठक में नहीं उठा था पैगंबर पर टिप्पणी का मुद्दा: केंद्र

क्या ईरान और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक में पैगंबर मुहम्मद साहब पर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी का मुद्दा उठा ही नहीं था? जानिए ईरान के बयान पर भारत ने क्या कहा है।

भारत सरकार ने आज इस बात से इनकार किया है कि ईरान के मंत्री ने सत्तारूढ़ बीजेपी सदस्यों द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी का मुद्दा उठाया था। विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक के दौरान ऐसा कुछ नहीं हुआ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया से रूबरू होते हुए ईरानी बयान की रिपोर्टों के जवाब में कहा, 'ईरानी बयान को हटा दिया गया है।' अधिकारी ने कहा, 'यह मुद्दा विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ चर्चा के दौरान नहीं उठाया गया था। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्वीट और टिप्पणियाँ सरकार के विचारों को व्यक्त नहीं करती हैं। यह देशों को अवगत कराया गया है और तथ्य यह है कि कार्रवाई की गई है।'

भारत के विदेश मंत्रालय का यह बयान तब आया है जब इससे पहले पीटीआई ने ईरानी विदेश मंत्रालय के बयान के हवाले से रिपोर्ट दी थी, 'भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इसकी पुष्टि की कि भारत सरकार और अधिकारी पैगंबर मुहम्मद का सम्मान करते हैं और कहा कि दोषियों से सरकार और संबंधित स्तरों पर इस तरह से निपटा जाएगा कि दूसरे भी सबक लेंगे।' 

रिपोर्ट के अनुसार ईरान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था, 'ईरानी विदेश मंत्री ने मुसलमानों की धार्मिक पवित्रता के प्रति संवेदनशीलता पर गंभीरता से ध्यान देने का आह्वान किया। अमीर अब्दुल्लाहियन ने कहा कि मुसलमान दोषियों से निपटने में भारतीय अधिकारियों के रुख से संतुष्ट हैं।'

एक ईरानी बयान में दावा किया गया था कि उसके विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक बैठक में विवादास्पद टिप्पणी उठाई थी।

ईरान के विदेश मंत्री ने भी बुधवार को ट्वीट कर कहा था, 'हमारे द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी, एफएम जयशंकर और अन्य भारतीय अधिकारियों से मिलकर खुशी हुई। तेहरान और नई दिल्ली पवित्र धर्मों और इसलामी पवित्रताओं का सम्मान करने और विभाजनकारी बयानों से बचने की आवश्यकता पर सहमत हैं। संबंधों को नई ऊंचाइयों पर लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।' 

पीटीआई ने ईरानी बयान के हवाले से कहा था कि अब्दुल्लाहियन ने पैगंबर पर 'अपमानजनक' टिप्पणियों से उत्पन्न 'नकारात्मक माहौल' का मुद्दा उठाया था और भारतीय पक्ष ने इस्लाम के संस्थापक के लिए भारत सरकार के सम्मान को दोहराया। बयान में यह भी कहा गया था कि ईरानी विदेश मंत्री ने देश में विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच ऐतिहासिक मित्रता का भी उल्लेख किया। समझा जाता है कि अब उस ईरानी बयान को हटा लिया गया है।

बता दें कि बीजेपी ने पैगंबर पर टिप्पणियों को लेकर रविवार को अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और पार्टी की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया है। बीजेपी की इस कार्रवाई के बीच ही बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों को लेकर कम से कम 15 इस्लामी देशों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, जॉर्डन, बहरीन, मालदीव, मलेशिया, ओमान, इराक और लीबिया जैसे देश शामिल थे। 

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