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10 इमर्जिंग मार्केट्स में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे पीछे, आर्थिक पैकेज पर उठे सवाल

10 इमर्जिंग मार्केट्स में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे पीछे, आर्थिक पैकेज पर उठे सवाल

ऐस समय जब भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है, देश की अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। 

ऐसे समय जब भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है, देश की अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हाल यह है कि अप्रैल महीने में तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे पीछे है।

अर्थव्यवस्था बदहाल तो पहले से ही है, लॉकडाउन की वजह से उत्पादन, निर्यात और स्टॉक मार्केट एकदम नीचे हो गए हैं। हाल इतना बुरा है कि पूरी दुनिया में सिर्फ तुर्की और मेक्सिको ही अप्रैल महीने में भारत से पीछे थे। 

लाइवमिंट ने एक अध्ययन में यह पाया है। लाइवमिंट का 'इर्मजिंग मार्केट्स ट्रैकर' 7 संकेतकों को आधार बना कर अध्ययन करता है और पता लगाता है कि कौन देश किस स्थिति में है। 

सबसे तेज़ गिरावट

अप्रैल में एकत्रित किए गए आँकड़ों के अनुसार, भारत के निर्यात में 60 प्रतिशत की कमी आई। यह आगे बढ़ रही 10 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गिरावट है। ज्यादातर देशों में 5-25 प्रतिशत की कमी देखी गई। सिर्फ दो देशों चीन और थाईलैंड का निर्यात इस दौरान बढ़ा है। 

भारत का उत्पादन अप्रैल में 27.4 प्रतिशत गिरा। यह 10 इमर्जिंग मार्केट में सबसे बड़ी गिरावट है। एक मात्र चीन ऐसा देश है, जहाँ इस दौरान भी उत्पादन बढ़ा है। 

अर्थव्यवस्था और सिकुड़ेगी

भारत ने जनवरी-मार्च के दौरान सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का आँकड़ा जारी नहीं किया है। इनवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने 17 मई को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 45 प्रतिशत सिकुड़ जाएगी।  

गोल्डमैन सैक्स ने ने यह भी कहा कि आर्थिक पैकेज का नतीजा कुछ दिनों बाद ही दिख सकता है, यानी मीडियम टर्म के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। पर उससे फ़िलहाल का कोई लाभ नहीं होगा।

लाइवमिंट की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में अप्रैल की तुलना में मई में करेंसीं और स्टॉक मार्केट की स्थिति में सुधार हुआ है, पर यह नाकाफी है। यह नहीं कहा जा सकता है कि यह सुधार भी बरक़रार रहेगा। 

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