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कोरोना: देश में संक्रमण के मामले घटकर 1.27 लाख हुए

कोरोना: देश में संक्रमण के मामले घटकर 1.27 लाख हुए

देश में हर रोज़़ कोरोना संक्रमण के मामले घटकर अब सवा लाख हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को जो ताज़ा आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार सोमवार को 24 घंटे में 1 लाख 27 हज़ार 510 मामले दर्ज किए गए हैं।

देश में हर रोज़़ कोरोना संक्रमण के मामले घटकर अब सवा लाख हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को जो ताज़ा आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार सोमवार को 24 घंटे में 1 लाख 27 हज़ार 510 मामले दर्ज किए गए हैं। यह आँकड़ा 9 अप्रैल के बाद सबसे कम है।

ताज़ा आँकड़ों के अनुसार एक दिन में 2795 लोगों की मौत हुई है। 24 घंटे में 2 लाख 55 हज़ार 287 मरीज़ ठीक भी हुए हैं। देश में अब तक कुल मिलाकर 2 करोड़ 81 लाख 75 हज़ार पॉजिटिव केस आए हैं। इसमें से 2 करोड़ 59 लाख 47 हज़ार ठीक हो चुके हैं और 3 लाख 31 हज़ार 895 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण के मामले लगातार कम होते रहने के कारण अब सक्रिए मामलों की संख्या भी घटकर क़रीब 18 लाख 95 हज़ार हो गई है। एक समय यह संख्या 37 लाख से ज़्यादा हो गई थी।

कोरोना संक्रमण के मामले आज पिछले दिन से काफ़ी कम आए हैं। एक दिन पहले एक दिन में 1 लाख 52 हज़ार 734 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए थे और 3128 लोगों की मौत हुई थी। देश में 6 मई को सबसे ज़्यादा 4 लाख 14 हज़ार केस आए थे और अब 26 दिन में यह घटकर क़रीब सवा लाख हो गए हैं।

फ़िलहाल, देश में कोरोना की दूसरी लहर है और कई राज्यों में लॉकडाउन के बीच संक्रमण के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। हालाँकि केस कम होने के बावजूद उन राज्यों में लॉकडाउन को आगे बढ़ाया गया है, पर साथ में पाबंदियों में कुछ ढील भी दी गई है।

महाराष्ट्र में लॉकडाउन 15 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ ज़िलों में पाबंदियों में ढील दी गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन ज़िलों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट दस फ़ीसदी से कम होगी और ऑक्सीजन बेड 60 फ़ीसदी से ज़्यादा खाली होंगे वहाँ प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। जिन ज़िलों में मामले बढ़ रहे हैं वहाँ और पाबंदियाँ लगाई जाएँगी। 

महाराष्ट्र के साथ ही बिहार और दिल्ली में लॉकडाउन फिर से एक हफ़्ते के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही दिल्ली में क़रीब 40 दिन बाद पहली बार प्रतिबंधों में कुछ ढील दी गई है।

'डेल्टा वैरिएंट' नया नाम

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने भारत में सबसे पहले मिले कोरोना के नये स्ट्रेन का नाम 'डेल्टा वैरिएंट' तय कर दिया है। हालाँकि, इसका वैज्ञानिक नाम बी.1.617 ही रहेगा, लेकिन आम तौर पर ज़िक्र किए जाने के लिए डेल्टा वैरिएंट का इस्तेमाल किया जाएगा। 'इंडियन वैरिएंट' का नहीं। यह इसलिए कि इस नाम पर पहले आपत्ति की गई थी। 

भारत सरकार ने 12 मई को बी.1.617 को 'इंडियन वैरिएंट' बुलाए जाने पर आपत्ति की थी। तब केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के 'इंडियन वैरिएंट' शब्द के इस्तेमाल पर चेतावनी जारी की थी और सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के लिए एडवाइज़री जारी की थी। सरकार ने 'इंडियन वैरिएंट' शब्द के इस्तेमाल किए गए कंटेंट को हटाने को कहा था। सरकार की ओर से कहा गया था कि डब्ल्यूएचओ ने बी.1.617 वैरिएंट के साथ 'इंडियन वैरिएंट' नहीं जोड़ा है, इसलिए इसे 'इंडियन वैरिएंट' कहना ग़लत है।

 - Satya Hindi

देश में दूसरी लहर के कहर ढाने के बाद टीकाकरण अभियान को तेज करने की बात कही जा रही है। लेकिन टीके की कमी के कारण यह उस गति से आगे नहीं बढ़ पा रहा है जिस गति से इसे बढ़ना चाहिए। सोमवार को टीके की 27 लाख 80 हज़ार 58 खुराकें लगाई जा सकीं। देश में अब तक कुल 21,60,46,638 खुराकें लगाई जा सकी हैं। हालाँकि दोनों खुराक लेने वालों की संख्या काफ़ी कम है और यह देश की आबादी की क़रीब 3.1 फ़ीसदी जनसंख्या ही है।

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