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देश में एक दिन में 3.14 लाख कोरोना केस, दुनिया में सबसे ज़्यादा

देश में एक दिन में 3.14 लाख कोरोना केस, दुनिया में सबसे ज़्यादा

देश में पहली बार कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड 3 लाख आए हैं। बुधवार को 24 घंटे में 3 लाख 14 हज़ार 835 पॉजिटिव केस आए। इस दौरान 2104 लोगों की मौत हुई। एक दिन में यह आँकड़ा सबसे ज़्यादा है। 

देश में पहली बार कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड 3 लाख से ज़्यादा आए हैं। दुनिया में अब तक किसी भी देश में एक दिन में इतना ज़्यादा संक्रमण के मामले नहीं आए थे जितने भारत में आए हैं। बुधवार को 24 घंटे में 3 लाख 14 हज़ार 835 पॉजिटिव केस आए। इस दौरान 2104 लोगों की मौत हुई। एक दिन में यह आँकड़ा सबसे ज़्यादा है। मंगलवार को एक दिन में 2 लाख 95 हज़ार 41 पॉजिटिव केस आए और 2023 लोगों की मौत हुई थी। यह लगातार आठवाँ दिन है जब कोरोना पॉजिटिव केस के 2 लाख से ज़्यादा मामले आए। 

स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को जो बुधवार के आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार अब तक 1 करोड़ 59 लाख 30 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं। अब तक 1 लाख 84 हज़ार से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। 1 करोड़ 34 लाख से ज़्यादा कोरोना मरीज़ ठीक हो चुके हैं। देश में फ़िलहाल 22 लाख 91 हज़ार सक्रिय मामले हैं। 

भारत के बाद जिस देश में एक दिन में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं वह अमेरिका है। हालाँकि, अलग-अलग स्रोतों से अमेरिका के आँकड़ों में मामूली अंतर है। न्यूज़ एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी महीने में अमेरिका में सबसे ज़्यादा केस 2 लाख 97 हज़ार 430 आए थे। हालाँकि वर्ल्डओमीटर्स इंफो के अनुसार अमेरिका में एक दिन में सबसे ज़्यादा केस 8 जनवरी को आए थे और तब 3 लाख 7 हज़ार 581 मामले दर्ज किए गए थे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में  दिसंबर में सबसे ज़्यादा केस 3 लाख 14 हज़ार 312 आए थे जो अमेरिका में एक दिन में सबसे ज़्यादा हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अब तक दो बार ही तीन लाख से ज़्यादा केस आए थे। फ़िलहाल, अमेरिका में संक्रमण अब कम हो रहा है। 

भारत में कोरोना संक्रमण फैलने की रफ़्तार इस बार काफ़ी तेज़ है। आँकड़े चौंकाते हैं। 4 अप्रैल को पहली बार एक दिन में 1 लाख से ज़्यादा केस आए थे और 14 अप्रैल को एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा केस हो गए। अब सिर्फ़ आठवें दिन ही यानी 21 अप्रैल को 3 लाख से भी ज़्यादा मामले आ गए। इसे कितनी रफ़्तार से फैलना कहेंगे! भारत में पिछले साल 30 जनवरी को पहली बार कोरोना संक्रमण का मामला आया था। हर रोज़ संक्रमण के मामले घटते-बढ़ते रहे, लेकिन पहली बार एक दिन में एक लाख से ज़्यादा केस आने में 1 साल दो महीने लगे। यानी क़रीब 425 दिन। हर रोज़ अब एक लाख से दो लाख केस पहुँचने में सिर्फ़ दस दिन और 2 लाख से 3 लाख पहुँचने में सिर्फ़ सात दिन लगे। 

कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। अमेरिका पहले स्थान और ब्राज़ील तीसरे स्थान पर है।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आँकड़ों के अनुसार, अमेरिका में अब तक सबसे ज़्यादा पॉजिटिव केस आए हैं और वहाँ 3 करोड़ 18 लाख से ज़्यादा मामले आ चुके हैं। वहाँ अब तक 5 लाख 69 हज़ार 401 लोगों की मौत हुई है। ब्राज़ील में अब तक 1 करोड़ 41 लाख से ज़्यादा केस आए हैं और 3 लाख 81 हज़ार 475 लोगों की मौत हुई है। 

हालाँकि अमेरिका और ब्राज़ील में संक्रमण के मामले भारत की अपेक्षा काफ़ी कम आ रहे हैं। अमेरिका में एक दिन पहले क़रीब 65 हज़ार मामले आए थे तो ब्राज़ील में क़रीब 70 हज़ार पॉजिटिव केस।

भारत हाल के दिनों में कोरोना के उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाले ऑक्सीजन, अस्पताल के बेड और एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर की कमी से जूझ रहा है। हालाँकि केंद्र ने आश्वासन दिया है कि 'ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति पर चौबीसों घंटे नज़र रखी जा रही है'। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कल रात एक ट्वीट में कहा है कि सरकार ने सात राज्यों- महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के लिए 'ऑक्सीजन का कोटा' बढ़ाया है।

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