मुंबई हमले से जुड़े पाक आतंकी के बचाव में आया चीन, भारत ने की निंदा
भारत ने आज चीन के उस क़दम की निंदा की है जिसमें उसने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव को रोक दिया। भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने का प्रस्ताव लाया था। साजिद मीर 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के लिए वांछित था।
साजिद मीर भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए उस पर 5 मिलियन डॉलर का अमेरिकी इनाम है। मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे।
पिछले साल भारत ने मीर की संलिप्तता के सबूत के रूप में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में एक ऑडियो क्लिप चलाया था। क्लिप में मीर को मुंबई हमले के आतंकी ठिकानों में से एक चबाड हाउस पर हमले का निर्देश देते हुए सुना गया। आज के बयान में भारत ने फिर क्लिप को चलाया। इसने कहा, 'कृपया इस ध्वनि फ़ाइल को सुनें, जब आतंकी हमले हो रहे थे। यह साजिद मीर है - आतंकवादियों को - फोन पर - ताज होटल में विदेशियों का शिकार करने और उन्हें अंधाधुंध मारने का निर्देश दे रहा है।'
जून में मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंक-वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक समय के लिए जेल में डाल दिया गया था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी अधिकारियों ने पहले दावा किया था कि मीर की मौत हो गई थी, लेकिन पश्चिमी देश नहीं माने और उन्होंने उसकी मौत का प्रमाण मांगा। पिछले साल के अंत में कार्य योजना पर पाकिस्तान की प्रगति के एफएटीएफ के आकलन में यह मुद्दा एक प्रमुख बिंदु बन गया था।
बहरहाल, बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में मीर को काली सूची में डालने और उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया। कहा जाता है कि पिछले साल सितंबर में चीन संयुक्त राष्ट्र में मीर को नामित करने के प्रस्ताव को बाधित कर रहा था। बीजिंग ने अब प्रस्ताव को रोक दिया है।
चीन के इस कदम पर भारत ने कड़ी नाराज़गी जाहिर की है और कहा है कि अगर आतंकवादी को काली सूची में डालने का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ, तो हमारे पास यह विश्वास करने के उचित कारण हैं कि वैश्विक आतंकवाद-रोधी संरचना में वास्तव में कुछ गलत है।
भारत ने कहा है कि यदि हम तुच्छ भू-राजनीतिक हितों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा निषिद्ध वैश्विक परिदृश्य में प्रतिबंधित आतंकवादियों को तय नहीं कर सकते हैं तो हमारे पास वास्तव में आतंकवाद की इस चुनौती से लड़ने के लिए वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।
भारत ने यूएन के लिए भी कड़े सवाल उठाए। इसने कहा है, 'जवाबदेही और पारदर्शिता के इस दिन और युग में क्या हम वास्तविक लिस्टिंग प्रस्तावों को बिना कोई कारण बताए ब्लॉक कर सकते हैं? क्या हम नाम न छापने की आड़ में प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अनुमति दे सकते हैं?'
कथित तौर पर चीन ने सबसे पहले सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाया था। इसने अब इसे ब्लॉक कर दिया है।