यूएन पोस्ट पर इसराइली हमले पर भारत चिंतित क्यों? जानें क्या जोखिम
लेबनान में यूएन के एक पोस्ट पर इसराइल के हमले को लेकर भारत ने चिंता जताई है। ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र पीस कीपर सैनिक इस क्षेत्र में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला करने वाले इसराइली बलों की गोलीबारी की चपेट में आ गए थे। संयुक्त राष्ट्र पीस कीपर सैनिकों में भारतीय सैनिक भी शामिल हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार 600 से ज़्यादा भारतीय सैनिक लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा हैं, और वे इसराइल-लेबनान सीमा पर 120 किलोमीटर की ब्लू लाइन पर तैनात हैं। शुक्रवार को एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र परिसर की अखंडता का सभी को सम्मान करना चाहिए, और संयुक्त राष्ट्र पीस कीपर सैनिकों की सुरक्षा और उनके मैनडेट की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए सही उपाय किए जाने चाहिए।'
Our statement on recent developments in southern Lebanon: https://t.co/9Nw17qCLxL pic.twitter.com/8nSluhR8DI
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 11, 2024
यह बयान संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आया है कि लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल यानी यूएनआईएफआईएल के नकूरा मुख्यालय और आस-पास के ठिकानों पर इसराइली बलों द्वारा बार-बार हमला किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के बयान में कहा गया, 'आज सुबह, दो शांति सैनिक घायल हो गए, जब आईडीएफ मर्कवा टैंक ने नकूरा में यूएनआईएफआईएल के मुख्यालय में एक ऑब्जर्वेशन टॉवर की ओर अपना हथियार दागा, जिससे वे सीधे टॉवर से टकरा गए और गिर गए।' बयान में कहा गया है, 'इस बार किस्मत से चोटें गंभीर नहीं हैं, लेकिन वे अस्पताल में हैं।'
कई देशों ने की इसराइली हमले की निंदा
आयरलैंड के विदेश मंत्री माइकल मार्टिन ने शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान में इसराइली सेना द्वारा किए गए कथित हमले की निंदा की, जिसमें दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन ने गुरुवार को बताया कि इसराइली गोलाबारी ने दक्षिण में उनके मुख्यालय को निशाना बनाया, जिसमें दो ब्लू हेल्मेट्स घायल हो गए।
फ्रांस ने लेबनान में यूएनआईएफआईएल मिशन पर इसराइली सैन्य गोलीबारी के जवाब में इसराइल के राजदूत को तलब किया है।
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर इसराइल के सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमलों की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसराइल को हथियारों की बिक्री रोकने का आह्वान किया।
इसराइल को असहनीय घटना दोहराने के खिलाफ चेतावनी देते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि उसके बलों को लेबनान में शांति सैनिकों पर फिर से गोलीबारी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि पिछली घटना में दो सैनिक घायल हो गए थे।
भारत दक्षिणी लेबनान में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार तो क़रीब 900 भारतीय सैनिक लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल के हिस्से के रूप में तैनात हैं। कुल मिलाकर, भारत के पास वर्तमान में दुनिया भर में विभिन्न संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में 5934 सैनिक तैनात हैं। भारत ने दशकों में संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में 159 सैनिकों को खो दिया है, जिसमें यूएनआईएफआईएल में छह और यूएनडीओएफ़ में दो शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2006 में इसराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच एक महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने और इसराइल-लेबनान सीमा पर सुरक्षा में सुधार करने के लिए प्रस्ताव 1701 पारित किया था। लगभग दो दशकों की शांति के बावजूद प्रस्ताव की शर्तों को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य इसराइली सेना को वापस बुलाना था।