सिक्किम में चीन के साथ झड़प, चार भारतीय सैनिक घायल
भारत और चीन की सेना के बीच कमांडर स्तर की बातचीत के ठीक पहले एक बार फिर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने इसे नाकाम कर दिया। लेकिन इस झड़प में चार भारतीय सैनिक घायल हो गए। चीनी सैनिकों के बारे में जानकारी नहीं है।
नाकू ला में घुसपैठ की कोशिश
'इंडिया टुडे' के अनुसार, चीनी सैनिकों ने उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में भारत से लगने वाली की सीमा से घुसपैठ की कोशिश पिछले सप्ताह की। वहाँ तैनात भारतीय सैनिकों ने समय रहते ही इसे पकड़ लिया और चीनी सैनिकों को रोक कर पीछे धकेल दिया।
'मामला सुलझा लिया गया'
सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि 'यह एक छोटा मामला था, जिसे तयशुदा प्रोटोकॉल के अनुसार स्थानीय कमांडर स्तर पर सुलझा लिया गया है।'
सरकार ने यह भी कहा है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की तो उसे रोकने गए भारतीय सैनिकों से उनकी मामूली झड़प हुई। इसमें चार भारतीय सैनिक घायल हो गए। कितने चीनी सैनिक घायल हुए, यह अभी तक पता नहीं चला है।
सरकार ने यह भी कहा है कि 'मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहा है।'
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने राजधानी बीजिंग में प्रेस ब्रीफिंग में इस झड़प पर कुछ कहने से यह कह कर इनकार कर दिया कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह ज़रूर कहा कि "चीनी सेना अपनी सरज़मी की रक्षा करने में सक्षम है।" उन्होंने भारत से अपील की कि वह ऐसा कुछ न करे जिससे सीमा पर तनाव बढ़े।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चीनी घुसपैठ की कोशिश पर सरकार पर तंज करते हुए कहा है कि सरकार तो चीनी घुसपैठ को मान तक नहीं रही है।
China is expanding its occupation into Indian territory.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 25, 2021
Mr 56” hasn’t said the word ‘China’ for months. Maybe he can start by saying the word ‘China’.
उत्तरी सिक्किम में तनाव
इस झड़प की वजह से सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर तनाव है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। बेहद ख़राब मौसम और बर्फबारी के बीच भारतीय सैनिक मुस्तैद हैं और वे सीमा पार चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए हैं।
याद दिला दें कि इसके पहले 15 जून को गलवान घाटी के पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच ज़ोरदार झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन की सरकार ने अपने सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की थी, लेकिन संख्या बताने से इनकार कर दिया था।
भारत-चीन बातचीत के पहले झड़प
लद्दाख में पहले से दोनों ओर से लगभग एक लाख सैनिकों की मौजूदगी के बीच उत्तरी सिक्कम में चीन की यह कोशिश और दोनों देशों की सेना के बीच हुई झड़प बहुत ही अधिक चिंता की बात है।
यह झड़प दोनों देशों की सेनाओं के बीच कमांडर स्तर की नौवीं बातचीत के पहले हुई। इससे यह साफ है कि बातचीत पर यह मुद्दा निश्चित रूप से छाया रहा होगा।
यह झड़प चिंता की बात इसलिए भी है कि कुछ दिन पहले ही दोनों देशों की सेनाओं ने अपने 10 हज़ार सैनिकों को लद्दाख से वापस बुला लिया था। यह खराब मौसम की वजह से हुआ था, लेकिन इससे यह संकेत तो मिला ही था कि दोनों देश अपने रुख को लचीला बना रहे हैं।
बता दें कि मई 2020 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक लद्दाख में गश्त के लिए आए, वहीं जम गए और वहां से वापस जाने से इनकार कर दिया। चीनी सेना ने अपने लोगों को यह कह वापस बुलाने से इनकार कर दिया कि यह उनका ही इलाक़ा है और चीनी सैनिक अपनी ज़मीन पर है। इसके बाद तनाव बढ़ता गया।
दोनों देशों की सेनाओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के आर-पार अपने-अपने इलाक़ों में लगभग 50 हज़ार सैनिक तैनात कर दिए। इसके साथ ही वहाँ सैनिक साजो सामान भी पहुँचा दिया गया। भारत-चीन सीमा पर तनाव है। सैनिक, कूटनयिक और राजनीतिक स्तर की कई दौर की बातचीत नाकाम हो चुकी है।