भारत ने अब इसराइली कार्रवाई के खिलाफ संयुक्त बयान का समर्थन क्यों किया?
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर हमले के बीच भारत ने इसराइली कार्रवाई के खिलाफ संयुक्त बयान का समर्थन किया है। एक दिन पहले ही इसने इसराइल-लेबनान सीमा पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल यानी यूएनआईएफआईएल पर इसराइली सेना की कार्रवाई में दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए थे।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'एक प्रमुख सैन्य योगदानकर्ता देश के रूप में भारत 34 यूएनआईएफआईएल सैन्य योगदानकर्ता देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ पूरी तरह से एकजुट है। शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।'
As a major Troop Contributing Country, India aligns itself fully with the joint statement issued by the 34 @UNIFIL_ troop contributing countries. Safety and security of peacekeepers are of paramount importance and must be ensured in accordance with extant UNSC Resolutions.
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) October 12, 2024
इसराइल की सेना ने कहा कि शुक्रवार को दक्षिण लेबनान के नकूरा में उनके वॉचटावर के पास एक इजराइली हमले में श्रीलंका के दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए, जबकि 48 घंटों में दूसरी बार इस क्षेत्र में शांति सैनिकों के मुख्य बेस पर विस्फोट हुए। इसराइली सेना हिजबुल्लाह से लड़ रही है।
यूएनआईएफआईएल बल ने इसे एक गंभीर घटनाक्रम बताया है और कहा कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और संपत्ति की सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए। इस बल में दर्जनों देशों के 10000 से अधिक शांति सैनिक हैं, और भारतीय सैनिक वहां सेवारत लगभग 900 कर्मियों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
भारत ने शुक्रवार को लेबनान में यूएन के एक पोस्ट पर इसराइल के हमले को लेकर चिंता जताई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र पीस कीपर सैनिक इस क्षेत्र में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला करने वाले इसराइली बलों की गोलीबारी की चपेट में आ गए थे। संयुक्त राष्ट्र पीस कीपर सैनिकों में भारतीय सैनिक भी शामिल हैं।
भारतीय सैनिक लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा हैं, और वे इसराइल-लेबनान सीमा पर 120 किलोमीटर की ब्लू लाइन पर तैनात हैं। शुक्रवार को एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र परिसर की अखंडता का सभी को सम्मान करना चाहिए, और संयुक्त राष्ट्र पीस कीपर सैनिकों की सुरक्षा और उनके मैनडेट की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए सही उपाय किए जाने चाहिए।'
भारत का यह बयान संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आया था जब लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल यानी यूएनआईएफआईएल के नकूरा मुख्यालय और आस-पास के ठिकानों पर इसराइली बलों द्वारा बार-बार हमला किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के बयान में कहा गया, 'आज (गुरुवार) सुबह, दो शांति सैनिक घायल हो गए, जब आईडीएफ मर्कवा टैंक ने नकूरा में यूएनआईएफआईएल के मुख्यालय में एक ऑब्जर्वेशन टॉवर की ओर अपना हथियार दागा, जिससे वे सीधे टॉवर से टकरा गए और गिर गए।' बयान में कहा गया है, 'इस बार किस्मत से चोटें गंभीर नहीं हैं, लेकिन वे अस्पताल में हैं।'
आयरलैंड के विदेश मंत्री माइकल मार्टिन ने शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान में इसराइली सेना द्वारा किए गए कथित हमले की निंदा की, जिसमें दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन ने गुरुवार को बताया कि इसराइली गोलाबारी ने दक्षिण में उनके मुख्यालय को निशाना बनाया, जिसमें दो ब्लू हेल्मेट्स घायल हो गए।
फ्रांस ने लेबनान में यूएनआईएफआईएल मिशन पर इसराइली सैन्य गोलीबारी के जवाब में इसराइल के राजदूत को तलब किया है।
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर इसराइल के सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमलों की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसराइल को हथियारों की बिक्री रोकने का आह्वान किया।
इसराइल को असहनीय घटना दोहराने के खिलाफ चेतावनी देते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि उसके बलों को लेबनान में शांति सैनिकों पर फिर से गोलीबारी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि पिछली घटना में दो सैनिक घायल हो गए थे।