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क्या साथ चलने को तैयार हैं भारत और पाकिस्तान?

क्या साथ चलने को तैयार हैं भारत और पाकिस्तान?

पिछले साल सीमा पर संघर्ष विराम के बाद दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने के संकेत मिले थे। देखना होगा कि दोनों मुल्क तमाम कड़वी बातों को भुलाकर क्या आगे बढ़ते हैं?

तमाम मतभेदों को किनारे करते हुए क्या भारत और पाकिस्तान साथ चलने के लिए तैयार हैं। भारत सरकार के सूत्रों से पता चला है कि दोनों मुल्क दूरियों को कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

एनडीटीवी के मुताबिक, भारत सरकार के एक बड़े अफसर ने कहा कि दोनों मुल्कों के बीच युद्ध विराम को एक साल का वक्त बीत चुका है। यह अच्छा संकेत है कि दोनों ही मुल्क अब साथ चलना चाहते हैं भले ही वे साथ काम न कर सकें।

अफ़सर के मुताबिक, सिंधु नदी घाटी को लेकर जो समझौता दोनों मुल्क़ों के बीच है, भारत इस साल इसे लेकर पाकिस्तान को समझौते से इतर भी कुछ ज्यादा जानकारी देने के लिए तैयार हो गया है।

यूक्रेन और रूस के बीच संयुक्त राष्ट्र में आए निंदा प्रस्ताव पर भारत और पाकिस्तान दोनों ही दूर रहे। भारतीय अफ़सर का कहना है कि दोनों देशों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें खुद ही इन दूरियों पर काम करने की जरूरत है।

पाकिस्तान की सेना की ओर से जो नया नेशनल सिक्योरिटी पॉलिसी डॉक्यूमेंट जारी किया गया है उससे लगता है कि यह पड़ोसी मुल्क़ भारत के साथ अपने रिश्ते को बेहतर करना चाहता है।हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने इस बात को भी कहा है कि वह सियाचिन के असैन्यीकरण के खिलाफ नहीं हैं। इन दोनों बयानों को एक-दूसरे के बीच बेहतर होते संबंधों की दिशा में देखा जा रहा है। 

'भारत करे पहल'

बीते महीने ही पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है लेकिन भारत की हुकूमत ने सभी रास्ते बंद कर रखे हैं। यूसुफ ने कहा था कि गेंद भारत के पाले में है, हम आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन इसके लिए अनुकूल माहौल भारत की ओर से बनना चाहिए।

बीते साल जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम हुआ था, उसके बाद से ही यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के रिश्ते अब बेहतर हो सकते हैं। उस दौरान ऐसी खबरें भी आई थीं कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और यूसुफ की किसी दूसरे देश में मुलाकात हुई थी। हालांकि यूसुफ ने इससे इनकार किया था।

2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए थे और अगस्त 2019 में जब भारत ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दी थी तो उसके बाद पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों में कटौती कर दी थी। 

तब से भारत और पाकिस्तान के बीच में व्यापार भी रुका हुआ है। लेकिन पिछले साल सीमा पर संघर्ष विराम के बाद दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने के संकेत मिले थे। 

देखना होगा कि दोनों मुल्क तमाम कड़वी बातों को भुलाकर क्या आगे बढ़ते हैं?

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