फिलिस्तीन में इजराइली बस्तियों की भारत ने भी निन्दा की, UN प्रस्ताव को समर्थन
भारत उन 145 देशों में शामिल है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। इस प्रस्ताव में "पूर्वी यरुशलम सहित अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में" इजराइली गतिविधियों की निंदा की गई थी।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र का मसौदा प्रस्ताव जिसका शीर्षक था "पूर्वी यरुशलम और कब्जे वाले सीरियाई गोलान सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायली बस्तियां" भारी बहुमत से पारित किया गया था। सात देशों यूएसए, कनाडा, हंगरी, इज़राइल, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नाउरू ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। 18 मतदान से गैरहाजिर रहे।
संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पर मतदान की एक तस्वीर साझा करते हुए, तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने कहा कि उन्हें "बहुत खुशी है कि भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।"
A resolution was moved in UN yesterday seeking to declare Israeli settlements in Occupied Palestine as illegal.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) November 11, 2023
Very glad that Republic of India voted in favor of the resolution.
Israel’s occupation of Palestine through settlers is ILLEGAL.
Israel’s apartheid must end NOW. pic.twitter.com/rv9iPzPIp8
गोखले ने लिखा है- “इज़राइल का फ़िलिस्तीन पर बसने वालों के माध्यम से कब्ज़ा अवैध है। इजराइल का रंगभेद अब खत्म होना चाहिए।''
यहां यह बताना जरूरी है कि पिछले महीने, भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया था। उस प्रस्ताव में इज़राइल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था। उसमें हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। "नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी और मानवीय दायित्वों को कायम रखना" शीर्षक वाले प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया, जिसमें 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान नहीं किया।