चुनाव के बीच डीएमके नेता स्टालिन के दामाद के घर छापे क्यों?
तमिलनाडु में 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव से ऐन पहले विपक्षी दल डीएमके नेता एम के स्टालिन के रिश्तेदार के घर आयकर छापे पड़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार उनकी बेटी और दामाद के चार ठिकानों पर केंद्रीय एजेंसी आयकर विभाग कार्रवाई कर रहा है। डीएमके ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। राज्य में सत्ताधारी एआईएडीएमके का केंद्र में सत्ताधारी दल बीजेपी से गठबंधन है। राज्य में डीएमके विपक्ष में है और उसका कांग्रेस से गठबंधन है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन के दामाद सबरीसन के कम से कम चार परिसरों में तलाशी ली। उनके आवास के अलावा उनसे जुड़े कई अन्य ठिकानों की भी तलाशी ली जा रही है। सबरीसन स्टालिन के खेमे का एक शक्तिशाली चेहरा हैं। उन्हें एक ऐसे शख्स के तौर पर देखा जाता है जो संसाधन जुटाते हैं और दोस्तों के साथ दुश्मनों से भी बातचीत से मुद्दे सुलझाते हैं।
इस कार्रवाई से एक दिन पहले ही चुनावी रैली में स्टालिन के बेटे ने कोयंबटूर के पास एक रैली में सवाल उठाया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह की संपत्ति में क्या तेज़ी से वृद्धि हुई है।
इस कार्रवाई के बाद डीएमके नेता सबरीसन के घर के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठे हो गए। डीएमके ने चुनाव से पहले इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। डीएमके के महासचिव दुरीमुरुगन ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ़ कुछ ही दिन बचे हैं, डीएमके की बेटी के घर पर छापा राजनीति से प्रेरित है। वेल्लोर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी इन मूर्खतापूर्ण कृत्यों से भयभीत नहीं होगी। यह लोकतंत्र नहीं है, मैं केंद्र सरकार के इस कृत्य की निंदा करता हूँ। इस प्रकार के कृत्य ही हमें मज़बूत करेंगे।'
एम के स्टालिन ने ट्वीट किया है कि लोगों से कोई समर्थन नहीं है इसलिए बीजेपी हमेशा की तरह हार सुनिश्चित करने के लिए अपनी ताक़त का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि हम एआईएडीएमके नहीं हैं जो डर से झुकने के आदी है। उन्होंने लिखा, 'कोई डर नहीं! हम साहसपूर्वक विरोध करेंगे! लोग 6 अप्रैल को आपकी गलतियों का स्पष्ट जवाब देंगे।'
மக்களிடம் ஆதரவில்லை; படுதோல்வி உறுதி என்ற நிலையில் வழக்கம் போல பாஜக தனது அதிகாரத்தைத் தவறாகப் பயன்படுத்துகிறது.
— M.K.Stalin (@mkstalin) April 2, 2021
மிரட்டலுக்கு பயந்து அடிமையாய் காலில் விழ நாங்கள் அதிமுக அல்ல!
அச்சமில்லை! துணிந்து எதிர்ப்போம்!
உங்கள் தப்புக்கணக்குக்கான தெளிவான பதிலை மக்களே ஏப்.6-இல் வழங்குவர்.
स्टालिन ने कहा, 'मैं एमके स्टालिन हूँ। इस स्टालिन ने इमरजेंसी और मीसा का सामना किया है। मैं इन आईटी छापों की वजह से डरूँगा नहीं। पीएम मोदी को पता होना चाहिए कि हम अन्नाद्रमुक के नेता नहीं हैं।'
पेरम्बलुर में एक रैली में उन्होंने कहा, 'आज सुबह मैं चेन्नई से त्रिची आया था। मुझे चेन्नई में अपनी बेटी के घर पर छापा मारे जाने की ख़बर मिली। मोदी सरकार अब एआईएडीएमके सरकार को बचा रही है। ...मैं मोदी को बताना चाहता हूँ कि यह डीएमके है, यह मत भूलो, मैं कलईग्नार (दिवंगत डीएमके के संरक्षक एम करुणानिधि) का बेटा हूँ। मैं इस तरह नहीं डरूँगा।'
डीएमके के अन्य सहयोगियों ने भी केंद्र सरकार की निंदा की। वीसीके नेता और सांसद थोल थिरुमावलवन ने कहा कि छापे बदले की कार्रवाई है।
उन्होंने कहा, 'डीएमके नेता की बेटी के निवास पर आईटी अधिकारियों द्वारा अचानक छापा मारा गया है। यह बीजेपी गठबंधन की विफलता के डर का परिणाम है। लोग इन राजनीतिक ख़तरों को देख रहे हैं, वे आगामी चुनावों में सबक़ सिखाएँगे।'
#Vendetta: Income Tax raids on DMK leader's daughter's home. This is a consequence of BJP’s fear of failure.
— Thol. Thirumavalavan (@thirumaofficial) April 2, 2021
It's planned, systematic targetting of the opposition.
People are aware of such politically-motivated threats.
They will teach a lesson to BJP in forthcoming election.
बता दें कि पिछले महीने डीएमके के वरिष्ठ नेता और उम्मीदवार ईवी वेलु के यहाँ छापे मारे गए थे। अधिकारियों ने दावा किया था कि राजनेता से बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की गई थी। आयकर अधिकारियों ने उनके निर्वाचन क्षेत्र तिरुवनमलाई में ईवी वेलु के घर सहित 10 से अधिक स्थानों पर कार्रवाई की थी। 70 वर्षीय बुजुर्ग वेलु अपने चुनाव क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।
जिस तरह के आरोप डीएमके ने लगाए हैं उस तरह के आरोप कई राज्यों में विपक्षी दलों के नेता लगाते रहे हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर सीबीआई पहुँची थी तब भी सवाल उठे थे।
सीबीआई ने 21 फ़रवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजीरा नरूला के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी। नरूला से कोयला तस्करी मामले की जाँच में शामिल होने को कहा गया था। बता दें कि सीबीआई ने पूर्वी कोलफील्ड लिमिटेड के कुनुस्तोरिया और कजोरिया कोयला क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी की जाँच के लिए पिछले साल नवंबर में मामला दर्ज किया था। इस मामले में एजेंसी जाँच कर रही है। आरोप यह है कि कोयला माफिया ने बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को नियमित रूप से घूस दी। कार्रवाई किए जाने तक यह साफ़ नहीं किया गया था कि नरूला पर क्या आरोप हैं।
इससे पहले कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में भी चुनाव के वक़्त केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई किए जाने को राजनीति से प्रेरित बताया जाता रहा है। जब कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, मायावती, मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं के ख़िलाफ़ केंद्रीय एजेंसियाँ लगीं तो भी ऐसे ही आरोप बीजेपी पर लगाए गए थे।