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कुछ भी कर ले, बीजेपी मुझे नहीं रोक सकती: राहुल

कुछ भी कर ले, बीजेपी मुझे नहीं रोक सकती: राहुल

“मैं चार साल पहले यहां आया था, आपका सांसद बना था, यहां का चुनाव प्रचार अभियान मेरे लिए पूरी तरह से अलग था। मैंने ऐसे कई चुनाव अभियान किए हैं लेकिन यहां यह एक परिवार में वापस आने जैसा था। 

लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के बाद पूर्व सांसद राहुल गांधी आज पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र केरल के वायनाड पहुंचे। वायनाड के कलपेट्टा शहर में उन्होंने 'सत्यमेव जयते' नामक एक रोड शो में अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन भी किया। इस दौरान उनकी बहन और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी उनके साथ थीं। 

रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, “सांसद होना महज एक ठप्पा है, एक पद है, एक पोस्ट है, और भाजपा केवल इस ठप्पे को ही मुझसे छीन सकती है। वह मुझे जेल में भी डाल सकती है लेकिन वह मुझे वायनाड की जनता का प्रतिनिधित्व करने से नहीं रोक सकती।” 

राहुल ने कहा, ‘“वे सोचते हैं कि मेरे घर पर पुलिस भेजकर मुझे डरा देंगे, मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरा घर ले लिया। मैं भी उस घर में रहकर संतुष्ट नहीं था’।”

“मैं चार साल पहले यहां आया था, आपका सांसद बना था, यहां का चुनाव प्रचार अभियान मेरे लिए पूरी तरह से अलग था। मैंने ऐसे कई चुनाव अभियान किए हैं लेकिन यहां यह एक परिवार में वापस आने जैसा था। बेशक, मैं केरल से संबंधित नहीं हूं, लेकिन जिस स्नेह और तरीके से आपने मुझे गले लगाया, उसने मुझे अपने भाई, अपने बेटे की तरह महसूस कराया।”

राहुल ने आगे कहा, “मैं कई सालों से सांसद हूं, और मैंने कई बार सोचा कि सांसद होना क्या है? लोगों को छूने, उनके साथ बराबरी का व्यवहार करने, उनके साथ श्रेष्ठ व्यवहार करने की विनम्रता होनी चाहिए। इसका मतलब है कि जनता का प्रतिनिधि बनने के लिए आपको लोगों की भावनाओं, उनके संघर्षों को समझना होगा। जो ऐसा करे वही सच्चा प्रतिनिधि होता है।”

रैली से पहले आयोजित किये गये रोड शो में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) (कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन) के सैकड़ों कार्यकर्ता भारतीय तिरंगे के साथ कलपेट्टा शहर पहुंचे हुए थे। रोड शो में केवल तिरंगा लेकर पहुंचने के निर्देश पहले ही पार्टी की तरफ से दिए जा चुके थे।

राहुल को पिछले महीने मानहानि के केस में दो साल की सजा होने के बाद उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किये जाने के बाद से ही उनके निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में लगातार प्रदर्शन हो रहे थे। जिसमें उनके समर्थन में मशाल जुलूस निकाला जा रहा था।

मानहानि की जिस टिप्पणी के लिए सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई थी, वह उन्होंने  2019 के चुनावों में प्रचार करते हुए की थी, अपनी टिप्पणी में राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोर मोदी नाम वाले क्यों होते हैं। प्रधानमंत्री भी उसी जाति से आते हैं। इसके लिए गुजरात के एक विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ सूरत में मानहानि का मुकदमा किया था। चार साल बाद उन्हें पिछले महीने ही दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा सुनाई गई। दो साल की सजा के कारण राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

हालांकि बाद में सूरत की सत्र अदालत से उन्हें जमानत दे दी है और सूरत मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अपील पर अदालत का फैसला आने तक उनकी जेल की सजा पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।  

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