+
इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव वोटिंग से पहले ही खाली कर दिया था पीएम आवास 

इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव वोटिंग से पहले ही खाली कर दिया था पीएम आवास 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को जब पहले से ही अविश्वास प्रस्ताव पर हार का अंदेशा था तो वह आख़िरी गेंद तक खेलने की बात क्यों करते रहे थे?

इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही प्रधानमंत्री आवास खाली कर दिया था। इसकी पुष्टि इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार देर रात को ही कर दी थी। 

पीटीआई के सीनेटर फैसल जावेद खान ने ट्वीट किया कि उन्होंने इमरान खान को उनके सरकारी आवास से विदा किया। उनका यह ट्वीट देर रात साढ़े बारह बजे के बाद आया था।

फैसल जावेद ख़ान ने ट्वीट किया, 'अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान को प्रधानमंत्री आवास से विदा किया। वह शालीनता से बाहर चले गये और झुके नहीं। उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया है।... पाकिस्तान खान- इमरान ख़ान।'

इसका मतलब है कि इमरान ख़ान ने नेशनल असेंबली में एक महत्वपूर्ण अविश्वास मत हारने से कुछ मिनट पहले ही प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास खाली कर दिया था। पाकिस्तान स्थित द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने भी तब ख़बर दी थी कि इमरान पीएम कार्यालय से बनिगला स्थित अपने आवास के लिए निकल गए।

इसका मतलब साफ़ है कि इमरान ख़ान को भी पहले से विश्वास था कि उनकी सरकार नहीं बचेगी, लेकिन वह आख़िर तक यही कहते रहे कि वह आख़िरी गेंद तक खेलेंगे।

बता दें कि शनिवार देर रात एक नाटकीय घटनाक्रम में इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव पर हार का मुंह देखना पड़ा। अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सदस्य सदन से उठकर चले गए। नेशनल असेम्बली में 174 सदस्यों ने वोट डाले। सभी ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाले। प्रस्ताव पास हो गया। रात करीब डेढ़ बजे इसकी घोषणा की गई। इससे पहले विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ और इमरान सरकार के मंत्रियों ने अपनी-अपनी बात रखी। 

इससे पहले रात 12 बजे से कुछ देर पहले स्पीकर अयाज कैसर ने इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह अयाज सादिक ने रात में ही इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश दिया। इस तरह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन हो गया कि शनिवार को ही वोटिंग हो गई। 

इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में नेशनल एसेंबली को भंग किए जाने के राष्ट्रपति के फैसले को पलट दिया था। इसके साथ ही अविश्वास प्रस्ताव पर 9 अप्रैल को वोटिंग कराने का आदेश भी दिया था। पांच जजों की एक बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया और कहा था कि नेशनल एसेंबली के स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने तक संसद के सत्र को स्थगित नहीं कर सकते। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें