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पाक: चुनाव से पहले इमरान, शाह महमूद क़ुरैशी को 10 साल जेल की सजा

पाक: चुनाव से पहले इमरान, शाह महमूद क़ुरैशी को 10 साल जेल की सजा

भारत के पड़ोस पाकिस्तान की राजनीति में हलचल है। आम चुनाव से पहले वहाँ मुख्य विपक्षी पार्टी के दो शीर्ष नेताओं को बड़ा झटका लगा है।

पाकिस्तान में आम चुनाव से कुछ दिन पहले ही पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार देश के रहस्यों को लीक करने के लिए मंगलवार को यह सजा सुनाई गई है।

विशेष अदालत का यह फ़ैसला 8 फरवरी के आम चुनाव से नौ दिन पहले आया है। इमरान और क़ुरैशी दोनों चुनाव से पहले जेल में हैं। जल्द होने वाले आम चुनाव के लिए इमरान की उम्मीदवारी पहले ही खारिज कर दी गई, जबकि कुरैशी को थार से एनए सीट के लिए मंजूरी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार की सजा का मतलब है कि इन दोनों को अगले पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इमरान खान की पार्टी पीटीआई राज्य की सख्ती के बीच और बिना किसी चुनावी चिन्ह के लड़ रही है।

पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अख़बार डॉन के अनुसार, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गठित एक विशेष अदालत ने दोनों नेताओं को सिफर मामले में दोषी ठहराया है। सिफर मामला एक राजनयिक दस्तावेज़ से जुड़ा है, जिसके बारे में संघीय जाँच एजेंसी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इमरान ने इसे कभी वापस नहीं किया। इमरान की पार्टी पीटीआई लंबे समय से मानती रही है कि दस्तावेज़ में इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से धमकी दी गई थी।

यह इमरान की दूसरी सजा है। इससे पहले उन्हें 5 अगस्त को तोशखाना मामले में भी दोषी ठहराया गया था और तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था। हालाँकि, बाद में एक खंडपीठ ने दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग करने वाली इमरान की याचिका को खारिज कर दिया था। यह पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी की पहली सजा है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुअल हसनत ज़ुल्कारनैन ने मामले में फैसला सुनाया। इमरान द्वारा अपना बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने उनसे सिफर के ठिकाने के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने जवाब दिया: 'मैंने अपने बयान में वही कहा है जो मुझे नहीं पता है। सिफर मेरे कार्यालय में था।' इसके बाद जज ने मामले में दोनों को 10 साल जेल की सजा सुनाई। 

फैसला सुनाने के बाद जज अदालत कक्ष से बाहर चले गए। इस पर कुरैशी ने विरोध भी जताया कि उनका बयान दर्ज नहीं किया गया।

इमरान ख़ान के वकील नईम पंजुथा ने सोशल मीडिया पर सजा को अस्वीकार किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'हम इस अवैध निर्णय को स्वीकार नहीं करते हैं।' एक्स पर एक पोस्ट में पीटीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान इमरान और क़ुरैशी के साथ खड़ा है 'जिन्होंने पाकिस्तान का बचाव किया और जो हक़ीक़ी आज़ादी के लिए खड़े हुए'।

बयान में कहा गया है, 'सिफर मामले में कानून का पूरी तरह से मजाक और अवहेलना हमें इमरान और कुरैशी को न्याय दिलाने की हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी को नहीं भूलने देगी।' बयान में जनता से 8 फरवरी को बाहर आकर मतदान करने का आग्रह किया गया है।

इमरान खान और कुरैशी को कथित तौर पर रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में रखा गया है। उन्हें उस मामले में जेल में डाल दिया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक गुप्त राजनयिक केबल- जिसे सिफर कहा जाता है - की सामग्री का खुलासा करके आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन किया था। आरोप है कि सिफर को पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजा गया था। सिफर कथित तौर पर इमरान खान के कब्जे से गायब हो गया था। दोनों ने दावा किया था कि केबल में संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से उनकी सरकार को गिराने की धमकी दी गई थी।

इमरान खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के माध्यम से प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। सत्ता से हटने के बाद से उनके खिलाफ 150 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं।

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