पाक ने यूएन में फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत का पलटवार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत की तीखी आलोचना की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की 76वीं आम सभा को संबोधित करते हुए इमरान ख़ान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने वहाँ सैनिकों की तैनाती का बढ़ा चढ़ा कर बखान किया और यह ग़लत जानकारी दी कि इंटरनेट कनेक्शन काटा हुआ है, जबकि यह बहाल किया जा चुका है।
इसी तरह इमरान ख़ान ने यह झूठ बोला कि भारत ने सभी बड़े कश्मीरी नेताओं को जेल में डाल रखा है जबकि सच यह है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती समेत तमाम नेता रिहा हो चुके हैं, कश्मीर में जनजीवन भी सामान्य हो चुका है।
क्या कहा इमरान ने?
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को भी बलपूर्वक रोक दिया जा रहा है। ख़ान ने भारत पर 13 हज़ार कश्मीरी युवकों का अपहरण करने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों की चर्चा की और जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा,
“
भारत अपने फ़ैसलों और कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विवादित इलाक़े का समाधान यूएन की निगरानी में निष्पक्ष जनमत संग्रह से होगा।
इमरान ख़ान, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान
उन्होंने इसके आगे कहा, "भारत कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का भी उल्लंघन कर रहा है। मुझे खेद है कि कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर दुनिया का रुख़ भेदभावपूर्ण है।''
इमरान ख़ान ने कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत का भी ज़िक्र किया और भारत पर आरोप लगाया कि गिलानी के परिवार वालों को इसलामिक रीति रिवाज से अंत्येष्टि तक नहीं करने दी गई।
भारत का जवाब
भारत ने पाकिस्तान के आरोपों का क़रारा जवाब दिया। भारतीय विदेश सेवा की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान पर ज़ोरदार हमला बोला।
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर आतंकवादियों को समर्थन देने के मामले में चिह्नित किया जा चुका है। जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी घोषित कर रखा है, उन्हें भी पाकिस्तान अपने यहां आश्रय देता है। ओसामा बिन-लादेन को पाकिस्तान ने शरण दे रखी थी। यहाँ तक आज भी पाकिस्तान ओसामा को शहीद बताता है।''
उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा, ''पाकिस्तान आतंकवादियों का पालन-पोषण करता है। हम सुनते रहे हैं कि पाकिस्तान ख़ुद आतंकवाद का शिकार है। दरअसल, पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अग्निशामक बनकर आग लगाता है। पाकिस्तान के लिए बहुलतावाद समझना बहुत मुश्किल है, क्योंकि यहाँ अल्पसंख्यकों के लिए शीर्ष तक पहुँचने पर पाबंदी है। पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।''
इमरान ने अफ़ग़ानिस्तान पर क्या कहा?
इमरान ख़ान ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन की खुले आम वकालत की और यह संकेत दिया कि उसे मान्यता देने के अलावा कोई उपाय नहीं है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट रूप से तालिबान को मान्यता देने की बात नहीं कही, पर उनके कहने का अर्थ यही था।
इमरान ख़ान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा,
“
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सोचना चाहिए कि आगे क्या रास्ता चुनना है। यदि हम अभी अफ़ग़ानिस्तान की उपेक्षा करते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में अगले साल तक लगभग 90% लोग ग़रीबी रेखा से नीचे आ जाएंगे।
इमरान ख़ान, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान
उन्होंने कहा, "एक बड़ा मानवीय संकट मंडरा रहा है और इसका असर न केवल अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों पर पड़ेगा, बल्कि पूरी दुनिया इससे प्रभावित होगी।"
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर वहाँ एक स्थिर और मज़बूत सरकार नहीं रहती है तो एक अस्थिर, अराजक अफ़ग़ानिस्तान फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन जाएगा।