कश्मीर पर फिर बोले ट्रंप, कहा, मोदी चाहें तो मध्यस्थता के लिए तैयार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर का राग छेड़ दिया है। इससे सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आख़िर क्यों ट्रंप बार-बार कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता को लेकर बयान दे रहे हैं जबकि भारत स्पष्ट कह चुका है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और इसमें तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जा सकती। कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता को लेकर पत्रकारों के सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘यह पूरी तरह प्रधानमंत्री मोदी पर निर्भर करता है। मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से मिला और मुझे बहुत अच्छा लगा। मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी और इमरान ख़ान, दोनों अच्छे लोग हैं। मैं सोचता हूँ कि वे लोग बेहतर ढंग से आ जा सकते हैं।’ ट्रंप ने कहा कि वह अभी भी इमरान ख़ान और मोदी के बीच मध्यस्थता कराने के लिए तैयार हैं।
'Would Intervene If India And Pakistan Want Me To,' @realDonaldTrump Again Offers Mediation On #Kashmir. pic.twitter.com/1fqRxkpRMt
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) August 2, 2019
बता दें कि इससे पहले ट्रंप इमरान ख़ान के साथ एक मुलाक़ात के दौरान कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर मामले पर मध्यस्थता करने की गुजारिश की थी। लेकिन तब भारत ने ट्रंप के इस बयान का जोरदार खंडन किया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा था, ‘भारत का रुख इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा की जाए। अगर भारत पाकिस्तान के साथ किसी तरह की बातचीत करेगा तो उसके लिए शर्त यही है कि पाकिस्तान को सीमा पार के आतंकवाद को ख़त्म करना होगा।’ भारत ने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों का द्विपक्षीय रूप से समाधान शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र के आधार पर होगा।’ तब भारत के साथ-साथ अमेरिका में भी ट्रंप के बयान पर बवाल हो गया था। अमेरिकी मीडिया और कई सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान की आलोचना की थी।
हैरानी की बात यह है कि तब अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी इशारों-इशारों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का खंडन किया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि भारत दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत का स्वागत करता है और वह मानता है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है। हालाँकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उनका देश इस मामले में किसी भी तरह की मदद करने के लिए तैयार है।
ट्रंप ने पत्रकारों से आगे कहा, ‘अगर वे चाहते हैं कि कोई कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता करे या उनकी सहायता करे...और मैंने इस बारे में पाकिस्तान से भी बात की है और भारत से भी बात की है। लेकिन यह लड़ाई लंबे समय से चल रही है।’ पत्रकारों के द्वारा यह पूछने पर कि वह कैसे कश्मीर मुद्दे का समाधान करना चाहेंगे, ट्रंप ने कहा, ‘अगर वे चाहें तो मैं ऐसा कर सकता हूँ और मैं निश्चित रूप से हस्तक्षेप करूंगा।’
अमेरिका अभी तक भारत-पाकिस्तान के बीच पड़ने से बचता रहा है। वह लगातार कहता रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच की समस्या है और दोनों देशों को आपस में मिल बैठ कर समाधान निकालना चाहिये। लेकिन ट्रंप के बार-बार बयान देने से साफ़ है कि अमेरिका अब अपनी इस नीति को छोड़ने के लिये तैयार है।