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इमरान ख़ान पाकिस्तान के इतिहास में हुए ऐसे पहले प्रधानमंत्री...

इमरान ख़ान पाकिस्तान के इतिहास में हुए ऐसे पहले प्रधानमंत्री...

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में जब शनिवार रात को विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो रही थी तो क्या इमरान को अंदाजा था कि वह पाकिस्तान में इतिहास रचने जा रहे हैं?

आख़िरकार इमरान ख़ान की कुर्सी चली गई। वह पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में हार गए। वह पाकिस्तान के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं जो सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर विश्वास मत खो चुके हैं। और इस तरह वह नेशनल असेंबली द्वारा प्रधानमंत्री पद से हटा दिए गए हैं। अब तक 1947 में आज़ादी के बाद से पाकिस्तान के इतिहास में अब तक एक भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं। इस सूची में इमरान ख़ान भी जुड़ गए हैं और पाँच साल पूरा करने का उनका सपना टूट गया है। 

इमरान ख़ान पहले लगातार कहते रहे थे वह वह आख़िरी गेंद तक खेलेंगे। लेकिन शनिवार रात क़रीब 12 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के सभी सदस्य सदन छोड़कर चले गए थे। नेशनल असेम्बली में 174 सदस्यों ने वोट डाले। सभी ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाले। प्रस्ताव पास हो गया। रात करीब डेढ़ बजे इसकी घोषणा की गई।

ख़ास बात यह भी रही कि इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री के रूप में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही प्रधानमंत्री आवास खाली कर दिया था। इसकी पुष्टि इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार देर रात को ही कर दी थी। इसका मतलब साफ़ है कि इमरान ख़ान को भी पहले से विश्वास था कि उनकी सरकार नहीं बचेगी, लेकिन वह आख़िर तक यही कहते रहे कि वह आख़िरी गेंद तक खेलेंगे।

अविश्वास प्रस्ताव पर यह वोटिंग तब हुई जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा भंग की गई नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया था। इसके साथ ही इसने अविश्वास प्रस्ताव पर 9 अप्रैल को वोटिंग कराने का आदेश भी दिया था। पांच जजों की एक बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया और कहा था कि नेशनल एसेंबली के स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने तक संसद के सत्र को स्थगित नहीं कर सकते। 

क्रिकेटर से राजनेता बने 69 वर्षीय इमरान ख़ान 'नया पाकिस्तान' बनाने का दावा कर सत्ता में आए थे लेकिन वह अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए। विपक्षी दलों के नेता अब कह रहे हैं कि पाकिस्तानियों को इमरान ख़ान का 'नया पाकिस्तान' नहीं चाहिए और उनका 'पुराना पाकिस्तान' ही ठीक है। 

नेशनल असेंबली में पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, 'पुराना पाकिस्तान में आपका स्वागत है। मैं पाकिस्तान में सभी को बधाई देना चाहता हूँ। मैं पाकिस्तानी युवाओं को एक संदेश देना चाहता हूं कि अपने सपनों को कभी न छोड़ें, कुछ भी असंभव नहीं है।'

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