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स्पुतनिक वी की एक खुराक 995 रुपये में मिलेगी, पहला टीका लगा

स्पुतनिक वी की एक खुराक 995 रुपये में मिलेगी, पहला टीका लगा

रूस से आयातित कोरोना की स्पुतनिक वैक्सीन की एक खुराक 995.40 रुपये में मिलेगी। इसके साथ ही शुक्रवार को स्पुतनिक वी की पहली वैक्सीन भारत के हैदराबाद में लगाई गई।

रूस से आयातित कोरोना की स्पुतनिक वी वैक्सीन की एक खुराक 995.40 रुपये में मिलेगी। स्पुतनिक वैक्सीन से क़रार करने वाली भारतीय कंपनी ने शुक्रवार को यह घोषणा की। इसने कहा कि 948 रुपये इसकी क़ीमत होगी और इस पर 5 फ़ीसदी जीएसटी लगेगा। कंपनी ने यह भी कहा है कि इसकी क़ीमत और कम हो सकती है जब इसे स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन भारत में शुरू होगा। 

इसके साथ ही शुक्रवार को ही स्पुतनिक वी की पहली वैक्सीन भारत के हैदराबाद में लगाई गई। कंपनी ने एक बयान में कहा कि पहली खुराक को अभियान शुरू करने के तौर पर लगाया गया है। इसने कहा कि आने वाले महीनों में आयातित खुराक की और खेप आने की उम्मीद है। इसके बाद स्पुतनिक वी वैक्सीन की आपूर्ति भारतीय निर्माण करने वाली भागीदार कंपनियों से शुरू होगी।

केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही कहा है कि स्पुतनिक वी वैक्सीन अगले हफ़्ते से उपलब्ध हो सकती है। इसकी पहली खेप रूस से 1 मई को ही भारत में आ चुकी है। 

रूस के गेमालेया संस्थान द्वारा विकसित इस वैक्सीन की दो खुराक दी जानी होती है और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में क़ीमत प्रत्येक खुराक के लिए 10 डॉलर है। मॉडर्ना और फाइज़र के बाद सबसे ज़्यादा प्रभावी वैक्सीन स्पुतनिक-V वैक्सीन 91.6 फ़ीसदी रही है। 

भारत में कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-V के आपात इस्तेमाल को भारत की दवा नियामक संस्था से पिछले महीने 13 अप्रैल को मंजूरी मिल गई। यह मंजूरी कोरोना वैक्सीन की सिफ़ारिश करने के लिए बनी विशेषज्ञ कमेटी यानी एसईसी द्वारा स्पुतनिक-V के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए सिफ़ारिश करने के कुछ देर बाद ही आई। तब रसियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड ने कहा था, 'डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज़ के साथ साझेदारी में भारत में हुए अतिरिक्त तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के साथ रूस में क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों के आधार पर भारत में वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग प्रक्रिया के तहत पंजीकृत किया गया है।' 

इस स्पुतनिक वी के साथ ही भारत में कोरोना की तीन वैक्सीन उपलब्ध हो गई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका से क़रार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का इस्तेमाल पहले से ही किया जा रहा है।

स्पुतनिक वैक्सीन लिक्विड और पाउडर दोनों रूपों में उपलब्ध है। इस वैक्सीन के तरल रूप को माइनस 18 डिग्री में रखने जाने की आवश्यकता है। पाउडर रूप में इसे 2 और 8 डिग्री के बीच रखा जा सकता है।

 - Satya Hindi

बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीन की भारी कमी की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही दावा किया है कि इस साल के आख़िर तक यानी दिसंबर महीने तक भारत में 200 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी। इसमें स्पुतनिक वी की वैक्सीन को भी जोड़ा गया है। केंद्र की ओर से कहा गया है कि इस साल के आख़िर तक स्पुतनिक वी की 15.6 करोड़ वैक्सीन भारत में उपलब्ध होगी।  

नीति आयोग के सदस्य और सरकार के सलाहकार वी के पॉल ने पत्रकारों से कहा, 'भारत के लिए और भारत के लोगों के लिए पाँच महीनों में दो बिलियन खुराक (216 करोड़) देश में बनाई जाएगी। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध होगी।' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल की पहली तिमाही तक कोरोना टीके की यह संख्या 300 करोड़ होने की उम्मीद है।

अभी इस साल के आख़िर तक जो क़रीब दो सौ करोड़ टीके तैयार होने की उम्मीद जताई गई है उसमें कोविशील्ड की 75 करोड़ खुराक और कोवैक्सीन की क़रीब 55 करोड़ खुराक शामिल है। 

इसके अलावा इसमें भारत के बायोलॉजिकल ई द्वारा विकसित वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक, सीरम इंस्टीट्यूट से नोवावैक्स की 20 करोड़ खुराक, स्पुतनिक वी की 15.6 करोड़ खुराक, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक, ज़ायडस कैडिला से 5 करोड़ टीके और गेनोवा की 6 करोड़ खुराक शामिल हैं। 

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