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क्या श्रीलंका को आर्थिक संकट से बाहर निकालेगा आईएमएफ़?

क्या श्रीलंका को आर्थिक संकट से बाहर निकालेगा आईएमएफ़?

आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि वह श्रीलंका में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। तो क्या वह श्रीलंका को बेलआउट करने यानी आर्थिक संकट से उबारने के रास्ते पर आगे बढ़ेगा?

आईएमएफ़ ने रविवार को श्रीलंका में चल रहे घटनाक्रमों पर चिंता जताई है। इसने कहा कि वह श्रीलंका में चल रहे घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहा है। इसके साथ ही इसने उम्मीद जताई है कि नकदी संकट का सामना कर रहे इस देश में आईएमएफ़ समर्थित कार्यक्रम पर बातचीत को फिर से शुरू करने की अनुमति देने के लिए राजनीतिक संकट जल्द ही हल हो जाएगा।

एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में बड़े पैमाने पर अब राजनीतिक संकट भी खड़ा हो गया है। राष्ट्रपति आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है और प्रधानमंत्री के घर में आग लगा दी गई। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है। सेना ने स्थिति नियंत्रण में करने के लिए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

आईएमएफ के बयान में कहा गया है 'हम लोगों, विशेष रूप से गरीब और कमजोर समूहों पर पड़ रहे आर्थिक संकट के प्रभाव के बारे में गहराई से चिंतित हैं और आईएमएफ की नीतियों के अनुरूप इस कठिन समय में श्रीलंका का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।'

आईएमएफ़ ने मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ नीति-स्तरीय वार्ता का एक दौर समाप्त कर लिया है। श्रीलंका के लिए आईएमएफ के वरिष्ठ मिशन प्रमुख पीटर ब्रेउर और श्रीलंका के लिए आईएमएफ़ मिशन प्रमुख मासाहिरो नोजाकी ने रविवार को एक बयान में कहा है कि वे श्रीलंका में घटनाक्रमों नज़र रख रहे हैं।

इकोनॉमी नेक्स्ट की रिपोर्ट के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि उन्होंने कहा, 'हम मौजूदा स्थिति के हल होने की उम्मीद करते हैं जो आईएमएफ़ समर्थित कार्यक्रम पर हमारी बातचीत को फिर से शुरू करने की अनुमति देगा। हम वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका में अपने समकक्षों के साथ तकनीकी चर्चा जारी रखने की योजना बना रहे हैं।'

1948 में ब्रिटेन से आज़ादी के बाद से श्रीलंका सबसे ख़राब आर्थिक संकट से गुजर रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी से निपटने के लिए कम से कम 4 बिलियन अमरीकी डॉलर की ज़रूरत है।

बता दें कि देश में हिंसक विरोध के एक दिन बाद शनिवार को हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया और कोलंबो में प्रधानमंत्री के घर में आग लगा दी। जब इन इमारतों पर हमला हुआ तब न तो राजपक्षे और न ही विक्रमसिंघे अपने घरों में थे।

शनिवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति के घर के अंदर एक फेसबुक लाइवस्ट्रीम में सैकड़ों प्रदर्शनकारी दिखे थे। वीडियो फुटेज में उनमें से कुछ को स्विमिंगपूल में नहाते देखा गया तो अन्य बिस्तर और सोफे पर बैठे दिखे। 

प्रदर्शनकारियों की मांग के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अगले बुधवार को पद छोड़ देंगे। देश की संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने इसकी घोषणा की है। अभयवर्धने ने कहा, '13 जुलाई को पद छोड़ने का फ़ैसला शांतिपूर्ण तरीक़े से सत्ता का हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए किया गया। इसलिए मैं जनता से क़ानून का सम्मान करने और शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं।'

राष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ ही स्पीकर एक महीने तक राष्ट्रपति का कार्यभार संभालेंगे और इस दौरान वहाँ की संसद नये राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। इस बीच ख़बर है कि देश में अब सर्वदलीय सरकार बनाने की चर्चा शुरू हो गई है।

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