+
आईआईटी बॉम्बे के छात्र की आत्महत्या, जातिवादी भेदभाव का आरोप

आईआईटी बॉम्बे के छात्र की आत्महत्या, जातिवादी भेदभाव का आरोप

क्या आईआईटी बॉम्बे जैसे संस्थानों में जातिवादी भेदभाव बरता जाता है? आख़िर एक छात्र की मौत के बाद एक छात्र समूह ने ऐसा आरोप क्यों लगाया?

आईआईटी बॉम्बे में एक छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या के एक दिन बाद संस्थान ने सोमवार को परिसर के मुख्य प्रशासनिक भवन के पास एक शोक सभा आयोजित की। केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी ने कथित तौर पर हॉस्टल की सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। पुलिस ने दुर्घटनावश मौत माना है और वह आगे की जाँच कर रही है। वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं पढ़ाई के दबाव में तो उन्होंने ऐसा क़दम नहीं उठाया। वहीं एक छात्र समूह ने इस मामले में जातिवादी भेदभाव की वजह से उस छात्र के आत्महत्या करने का आरोप लगाया है।

एपीपीएससी यानी आंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्कल IIT बॉम्बे ने ट्वीट किया, 'हम एक 18 वर्षीय दलित छात्र दर्शन सोलंकी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जो 3 महीने पहले अपने बीटेक के लिए आईआईटी बॉम्बे में शामिल हुए थे। हमें यह समझना चाहिए कि यह एक व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि एक संस्थागत हत्या है।

इसने बयान जारी कहा है कि 'हमारी शिकायतों के बावजूद संस्थान ने दलित बहुजन आदिवासी छात्रों के लिए स्थान को समावेशी और सुरक्षित बनाने की परवाह नहीं की। प्रथम वर्ष के छात्रों को आरक्षण विरोधी भावनाओं और गैर-योग्यता के ताने के मामले में सबसे अधिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। हाशिए पर के समूह से फैकल्टी और काउंसलर की कमी है।'

बयान में यह भी कहा गया है कि 'यह कोई छिपा हुआ तथ्य नहीं है कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदाय के छात्रों को परिसर में छात्रों, संकायों और कर्मचारियों से अत्यधिक उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करना पड़ता है'। पोस्ट में 'आईआईटी बॉम्बे कैंपस में आम माहौल का भी ज़िक्र किया गया है, जहां आरक्षण को योग्यता की कमी की तरह माना जाता है'।

पुलिस ने कहा है कि बीटेक का छात्र दर्शन सोलंकी अहमदाबाद का रहने वाला था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा कि छात्र ने तीन महीने पहले इस कोर्स में दाखिला लिया था और उसकी पहली सेमेस्टर की परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गई थी। पवई पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या पढ़ाई के दबाव में छात्र ने इतना बड़ा कदम उठाया।

रिपोर्ट के अनुसार छात्रों के लिए एक नोट में संस्थान के निदेशक सुभासिस चौधरी ने रविवार को कहा था, 'हमें आज दोपहर एक दुखद घटना में प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत के बारे में सूचित करते हुए खेद है। पवई पुलिस मामले की जांच कर रही है। छात्र के माता-पिता को सूचित कर दिया गया है और हम छात्र की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि परिवार को इस नुकसान को सहन करने की शक्ति मिले। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

संस्थान ने सोमवार को शोक सभा का आयोजन किया और बयान में कहा, 'आज संस्थान ने एक शोक सभा आयोजित की; और दिवंगत आत्मा की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। हालांकि जो पहले हो चुका है उसे हम बदल नहीं सकते हैं, हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपने प्रयासों को और बढ़ाएंगे। बयान में कहा गया है कि घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

आईआईटी बॉम्बे ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संस्थान और छात्र सलाहकारों द्वारा हमारे छात्रों का समर्थन करने के प्रयासों के बावजूद इस तरह के नुकसान को रोका नहीं जा सका।'

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें