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गैंगरेप के आरोपी भाजपा नेता चुनाव में प्रचार करने भी गए थे, पीएम, सीएम के साथ फोटो

गैंगरेप के आरोपी भाजपा नेता चुनाव में प्रचार करने भी गए थे, पीएम, सीएम के साथ फोटो

आईआईटी-बीएचयू में गैंगरेप के आरोपी भाजपा नेता मध्य प्रदेश में भाजपा का चुनाव प्रचार करने भी गए थे। इनकी पहचान पुलिस ने बता दी है। भाजपा ने इनसे पीछा छुड़ा लिया है। लेकिन आरोपियों के फोटो पीएम मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर तमाम वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ पाए गए हैं। 

आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर गन प्वाइंट पर छात्रा का रेप करने वाले आरोपियों ने मध्य प्रदेश जाकर भाजपा के लिए प्रचार किया था। हालांकि भाजपा यह स्वीकार कर रही है कि आरोपी उनके कार्यकर्ता थे लेकिन उन्हें पार्टी से बहुत पहले निकाल दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए तीन पूर्व भाजपा कार्यकर्ताओं की पहचान कुणाल पांडे, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल के रूप में हुई। इन तीनों के फोटो पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ पाए गए हैं। इन सभी फोटो को तमाम राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया गया है।

आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर एक छात्रा को कथित तौर पर निर्वस्त्र करने और उसका यौन उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई में दो महीने क्यों लग गए? गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का भी दो माह तक असर क्यों नहीं हुआ? और अब जब कार्रवाई हुई तो बीजेपी बैकफुट पर क्यों नज़र आ रही है?

इन सवालों का जवाब विपक्षी दलों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों और आरोपियों की पीएम मोदी से लेकर मंत्रियों तक के साथ खिंचाई गई तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्टों में ढूंढा जा सकता है। यौन उत्पीड़न के आरोपियों की तस्वीरें पीएम मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हैं और महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ भी। कांग्रेस ने इसको लेकर पीएम मोदी सरकार पर निशाना साधा है। 

कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर एक छात्रा को कथित तौर पर निर्वस्त्र करने और उसका यौन उत्पीड़न करने के लगभग दो महीने बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने आरोपियों की पहचान कुणाल पांडे, आनंद चौहान और सक्षम पटेल के रूप में की। ये सभी वाराणसी के निवासी हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

घटना 1 नवंबर की रात को आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर हुई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि मोटरसाइकिल पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उसे जबरन चूमा और उसके कपड़े उतारने के बाद उसका वीडियो रिकॉर्ड किया। अगले दिन परिसर में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर सैकड़ों छात्र संस्थान निदेशक के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने जुटे। यह बड़ा मुद्दा बना, राष्ट्रीय स्तर पर मामला उठा लेकिन लंबे समय तक कार्रवाई नहीं हो पाई थी।

इसी को लेकर सोशल मीडिया पर अब बीजेपी निशाने पर आ गई है। कांग्रेस ने कहा है, '2 महीने पहले बीएचयू के कैम्पस में एक छात्रा का गैंगरेप हुआ। इस मामले को पहले दबाने की कोशिश की गई, जब दबाव बना तो जैसे-तैसे यूपी पुलिस ने एफ़आईआर लिखी। अब 60 दिन बाद इस घटना में शामिल 3 लोग पकड़े गए हैं। ये सभी BJP के पदाधिकारी हैं।'

कांग्रेस ने आगे संदेह जताया है, 'गिरफ़्तारी में देरी शायद इन वजहों से हुई होगी- ये सभी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बेहद करीबी हैं, बीजेपी में इतनी अच्छी पकड़ है कि पीएम मोदी से सीधे मिलते हैं, बीजेपी आईटी सेल में अच्छी पोजिशन पर हैं।' कांग्रेस ने कहा है कि यही है बीजेपी का चाल- चरित्र-चेहरा।

इसके बाद कांग्रेस ने आरोपी के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की तस्वीर को साझा कर उन पर हमला किया है। 

सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा है, "ये हैं भाजपा के दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में सरेआम पनपते और घूमते भाजपाइयों की वो नयी फसल, जिनकी ‘तथाकथित ज़ीरो टॉलरेंस सरकार’ में दिखावटी तलाश जारी थी लेकिन पुख़्ता सबूतों और जनता के बीच बढ़ते गुस्से के दबाव में भाजपा सरकार को आख़िरकार इन  दुष्कर्मियों को गिरफ़्तार करना ही पड़ा, ये वही भाजपाई हैं जिन्होंने बीएचयू की एक छात्रा के साथ अभद्रता की सभी सीमाएँ तोड़ दी थीं।"

 - Satya Hindi

फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर ने कुछ स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा है, "आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर एक छात्रा के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने और उसके कपड़े उतारकर वीडियो रिकॉर्ड करने के लगभग दो महीने बाद, 3 को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने आरोपियों की पहचान कुणाल पांडे, आनंद चौहान और सक्षम पटेल के रूप में की है। कुणाल पांडे और सक्षम पटेल बीजेपी आईटी सेल वाराणसी के सदस्य थे।'

छात्रा ने क्या कहा है शिकायत में?

छात्रा ने 2 नवंबर को पुलिस में शिकायत दी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता ने शिकायत में कहा, 'मैं आईआईटी-बीएचयू के एक छात्रावास की निवासी हूं। 2 नवंबर की रात करीब 1.30 बजे मैं अपने हॉस्टल से टहलने के लिए निकली। मेरी मुलाकात एक पुरुष मित्र से हुई। हम साथ-साथ चल रहे थे तभी पीछे से तीन लोगों के साथ एक मोटरसाइकिल हमारे पास आई। उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल वहीं खड़ी कर दी और मेरे दोस्त और मुझे अलग कर दिया।'

छात्रा ने कहा है, 'उन्होंने मेरा मुंह कसकर बंद कर दिया और मुझे एक कोने में ले गए, मुझे जबरन चूमा, मेरे कपड़े उतार दिए और तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए। जब मैं मदद के लिए चिल्लाई तो उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दी। 10-15 मिनट बाद उन्होंने मुझे जाने दिया। जब मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो मुझे मोटरसाइकिल की आवाज सुनाई दी। फिर, मैं एक प्रोफेसर के आवास पर छिप गई, जो मुझे सुरक्षा अधिकारियों के पास ले गया।'

मामले में प्रारंभिक प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात पुरुषों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज की गई थी।

घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस ने कहा था कि पीड़िता द्वारा नया बयान देने के बाद उन्होंने एफआईआर में सामूहिक बलात्कार के आरोप जोड़े। आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से कारावास में डालना), 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी), और 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य करना) भी जोड़ी गईं।

इंडियन एक्सप्रेस ने पहले बताया था कि घटना से दो दिन पहले एक अन्य छात्रा को 30 अक्टूबर की रात को इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा था और प्रॉक्टर कार्यालय को इसके बारे में सूचित किया गया था। संस्थान के डीन ने द इंडियन एक्सप्रेस से पुष्टि की थी कि 30 अक्टूबर की घटना के संबंध में प्रॉक्टर कार्यालय को एक शिकायत मिली है और कार्रवाई की जा रही है।

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