विवेक अग्निहोत्री ने आतंकी संगठन का क्या फर्जी पत्र शेयर किया?
'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने शुक्रवार को जहां 'द दिल्ली फाइल्स' नाम की फिल्म बनाने की घोषणा की, वहां वो एक कथित आतंकी संगठन 'लश्कर-ए-इस्लाम' के एक फर्जी पर्चे को ट्वीट करने के कारण विवादों में आ गए। आल्ट न्यूज जो फैक्ट चेक करने का काम करती है, उसने विवेक अग्निहोत्री द्वारा ट्वीट किए गए पर्चे को लेकर जांच पड़ताल की तो सारा सच सामने आ गया। आल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबेर ने इस मामले में शुक्रवार को एक के बाद एक ट्वीट करके सारे फर्जीवाड़े का खुलासा किया। चूंकि विवेक अग्निहोत्री द कश्मीर फाइल्स की वजह से अब रसूखदार डायरेक्टर हो गए हैं लेकिन उनसे गलती तो हो ही गई। ऐसी ही गलती अभी एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने की तो उनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। दिग्विजय सिंह ने मस्जिद पर झंडा लहराने का फोटो ट्वीट करते हुए जगह का नाम गलत लिखा, बस इसी बात पर एफआईआर हो गई थी।विवेक अग्निहोत्री ने पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा कथित तौर पर जारी एक पत्र ट्वीट किया। इस पर किसी के साइन (हस्ताक्षर) नहीं है। पत्र में कश्मीर में "काफिरों" (जो ईश्वर को नहीं मानते) को मारने की धमकी दी गई है। इसमें लिखा हुआ है कि अल्लाह के अनुयायी आप लोगों को देख रहे हैं। आप लोगों ने कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। इसमें यह भी कहा गया है, हर कश्मीरी पंडित कश्मीर और कुरान के लिए खतरा है।
इससे जुड़े अग्निहोत्री के ट्वीट को 9,000 से अधिक बार रीट्वीट किया गया। न्यूजरूम पोस्ट ने अग्निहोत्री के ट्वीट पर आधारित एक लेख प्रकाशित किया। उसका शीर्षक था - विवेक अग्निहोत्री एक जहरीला पत्र सामने लाए हैं। इसी तरह की खबरें अमर उजाला और लोकमत न्यूज ने प्रकाशित की थीं।
Latest DEATH THREAT letter to all non Muslims who don’t follow ALLAH.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 13, 2022
Is this TRUTH or PROPAGANDA? क़ौमी नफ़रत का सत्य या झूठी कहानी?
Dear Comrades, now who is provoking them? Should we tell this TRUTH or cover it up like Kashmir Genocide of Hindus? pic.twitter.com/drNpTgPwiN
न्यूज 18 के अमीश देवगन ने विवेक अग्निहोत्री के ट्वीट पर "ब्रेकिंग न्यूज" के रूप में एक शो की एंकरिंग की और अपने दर्शकों को बताया - लश्कर-ए-इस्लाम बड़ा खतरा... बीजेपी समर्थक मीडिया ऑपइंडिया ने कुलगाम में नागरिक सतीश कुमार सिंह की हत्या पर रिपोर्टिंग करते हुए यह भी दावा किया कि यह पत्र लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा जारी किया गया था।
तथ्यों की जांच ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि विवेक अग्निहोत्री से कुछ घंटे पहले विजय रैना ने यही पत्र ट्वीट किया था। रैना ने दावा किया कि पत्र बारामूला के वीरवन पंडित कॉलोनी में मिला था और इसे "डाक द्वारा भेजा गया था।
ऑल्ट न्यूज़ को मिले इस पत्र को लेकर यह सबसे पहला ट्वीट है। ऑल्ट न्यूज ने विजय रैना से बात की, जो कुलगाम के सरपंच हैं। उन्होंने कहा कि मैं पीएम पैकेज की नौकरियों के तहत कश्मीर में रहने वाली कश्मीरी पंडित बस्तियों के संपर्क में हूं। मुझे बारामूला जिले के वीरवन कॉलोनी के एक निवासी का पत्र मिला है। वीरवन कॉलोनी में सामने आए पत्र पर टाइम्स नाउ ने भी खबर दी। उसने लिखा, कश्मीरी हिंदुओं के लगभग 150-200 परिवार बारामूला, वीरवन में रहते हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में पुनर्वास योजना के तहत प्रधानमंत्री रोजगार योजना में सरकारी नौकरी हासिल की है।रिपोर्ट में आगे कहा गया है, मंगलवार शाम को कॉलोनी के सुरक्षा विवरण के लिए धमकी भरा पत्र पोस्ट के माध्यम से दिया गया था और कहा, हालांकि, यह वास्तविक नहीं लगता है। पुलिस के अनुसार, इस तथ्य को देखते हुए कि उक्त आतंकवादी संगठन का अस्तित्व अनिश्चित है। पुलिस ने आश्वासन दिया कि कड़ी सावधानी और सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
Veervan Pandit Colony #Baramulla received threatening letter through post saying "Raliv, Galiv or Tchaliv" pic.twitter.com/6umZrxSoux
— Vijay Raina (@RealVijayRaina) April 13, 2022
कुछ और भी वजहें हैं, जिनसे यह पत्र प्रमाणिक नहीं लगता है 1. पत्र पर किसी के हस्ताक्षर (साइन) नहीं हैं। (लश्कर-ए-इस्लाम के कमांडर के नाम और साइन की जगह सिर्फ कमांडर लिखा है)2. लश्कर-ए-इस्लाम गलत स्पेलिंग के साथ लिखा है। पत्र में "लश्कर" शब्द को गलत लिखा गया है। यह कल्पना से परे है कि संगठन आधिकारिक लेटरहेड पर अपना नाम गलत लिखेगा। पाकिस्तान ने 30 जून, 2008 को लश्कर-ए-इस्लाम पर प्रतिबंध लगा दिया, और एक सरकारी दस्तावेज में इसे सही स्पेलिंग के साथ लिखा गया है। उल्लेखनीय है कि अंग्रेजी में लिप्यंतरित संगठन का नाम "लश्कर-ए-इस्लामी" के रूप में भी लिखा गया है। यह पाकिस्तान के नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज़ में दी गई स्पेलिंग है। हालाँकि, "इस्लाम" और "इस्लामी" दोनों का उपयोग पाकिस्तानी सरकारी वेबसाइटों पर भी किया जाता है। "लश्कर" के साथ ऐसा नहीं है। ऑल्ट न्यूज ने पाठकों से अनुरोध किया है कि वो गूगल पर इसकी साइट को चेक कर सकते हैं।
3. पत्र के ऊपरी बाएं कोने पर लोगो (चिह्न) जमात-ए-दावा पाकिस्तान का है। लेटरहेड के बाईं ओर एक लोगो है जो एक अलग आतंकी समूह जमात-उद-दावा से संबंधित है। इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र ने 2008 में प्रतिबंधित किया था। इसके बाद इसने लश्कर-ए-तैयबा के नाम से काम शुरू किया। तब उसे भी बैन किया गया। एक साधारण रिवर्स-इमेज सर्च (वायरल लेटर से 'लोगो' को क्रॉप करके) से पता चलता है कि 'लोगो' जेयूडी का है। इसके अलावा, सर्कल में दो तलवारों के नीचे (काले रंग में चिह्नित) उर्दू में ही "जमात-उद-दावा पाकिस्तान" लिखा है।लश्कर-ए-इस्लाम के लोगो की पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज ने पाकिस्तानी पत्रकार जर्रार खुहरो से बात की। खुहरो ने उस संगठन का एक वास्तविक पत्र साझा किया। जिलमें इसका झंडा ऊपरी दाएं कोने में है। यह यहां वायरल पत्र में लोगो से मेल नहीं खा रहा। इसके अलावा, यह पत्र उर्दू में है, इस पर हस्ताक्षर किए गए हैं। और एक पूरी तरह से अलग लेटरहेड है जो "लश्कर-ए-इस्लाम" कहता है, जेयूडी नहीं।
4. 2016 में ठीक उसी तरह के लेटरहेड वाला एक पत्र सामने आया था। 2016 में लश्कर-ए-इस्लाम जारी किए गए इसी तरह के एक पत्र को डीएनए द्वारा प्रकाशित किया गया था। इस पत्र में आतंकी संगठन को कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ने या मौत का सामना करने की धमकी देते हुए भी दिखाया गया है। इसमें बाईं ओर जमात-उद-दावा का लोगो भी है और "लश्कर" को गलत लिखा गया है।
इस पत्र में कुछ और तथ्यात्मक गलतियां भी पाई गईं। आतंकी संगठन ने कुछ कश्मीरी पंडितों को कई साल पहले मारने का दावा किया। हालांकि जो नाम दिए गए हैं, उन नाम वाले लोगों की हत्याएं आतंकियों ने पिछले साल की हैं। कुल मिलाकर यह धमकी भरा पूरा पत्र ही फर्जी है, जिसमें गलतियों की भरमार है। विवेक अग्निहोत्री जैसे जिम्मेदार व्यक्ति से ऐसी आपेक्षा नहीं की जा सकती। हाल ही में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक मस्जिद पर भगवा लहराए जाने की निन्दा करते हुए मुज्जफरनगर की जगह खरगौन लिख दिया तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। क्या आतंकवादियों के फर्जी धमकी पत्रों की पड़ताल किए बिना शेयर करना अपराध नहीं है?