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‘श्रीदेवी को राजकीय सम्मान तो आचरेकर का अपमान क्यों?’

‘श्रीदेवी को राजकीय सम्मान तो आचरेकर का अपमान क्यों?’

भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई नहीं दिए जाने पर महाराष्ट्र सरकार घिर गई है। एनसीपी नेता ने कहा कि श्रीदेवी को राजकीय सम्मान दिलाने में जल्दबाज़ी की गई तो आचरेकर का अपमान क्यों?

भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई नहीं दिए जाने पर महाराष्ट्र सरकार घिर गई है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि श्रीदेवी को राजकीय सम्मान दिलाने में जल्दबाज़ी की गई तो आचरेकर का अपमान क्यों राज ठाकरे और संजय राउत जैसे कई नेताओं ने भी आचरेकर को राजकीय सम्मान नहीं दिए जाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की। चौतरफा दबाव के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री काे माफ़ी माँगनी पड़ी। मंत्री ने सफ़ाई दी कि सरकार में ‘ठीक से तालमेल नहीं’ होने से यह गड़बड़ी हुई।

सचिन के बचपन के कोच रहे आचरेकर का अंतिम संस्कार गुरुवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में हुआ। उनका बुधवार को निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। वह पद्मश्री और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुके थे। उनके अंतिम संस्कार में सचिन तेंडुलकर, विनोद कांबली, आवास मंत्री प्रकाश मेहता, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे, मुंबई के मेयर विश्वनाथ महाडेश्वर भी शामिल हुए।

नवाब मलिक ने ट्वीट किया, ‘रमाकांत आचरेकर भारत के सबसे महान क्रिकेट कोचों में से एक हैं। उन्होंने तेंदुलकर और कांबली जैसे बल्लेबाज़ों को कोचिंग दी थी। उन्हें पद्मश्री अवार्ड दिया गया। यह शर्मनाक है कि सत्ताधारी महाराष्ट्र सरकार उन्हें राजकीय सम्मान देने में असफल रही जिसके वह हक़दार थे...।’

ट्वीट में एनसीपी नेता नवाब मलिक ने लिखा, ‘जब श्रीदेवी का निधन हुआ था तो मुख्यमंत्री कार्यालय, देवेंद्र फडनवीस अंतिम संस्कार में शामिल हुए और राजकीय सम्मान देना सुनिश्चित किया। रामाकांत आचरेकर के प्रति यह अपमान है और देवेंद्र फडनवीस को देश से माफ़ी माँगनी चाहिए।’

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, ‘भारत रत्न सचिन तेंदुलकर सहित देश के कई बड़े खिलाड़ियों को कोच देने वाले श्री रामाकांत आचरेकर पद्मश्री सम्मान से सम्मानित और फिर भी राज्य सरकार ने राजकीय सम्मान देना मुनासिब नहीं समझा। हम सरकार से जवाब चाहते हैं।’

मुख्यमंत्री कार्यालय की सफ़ाई

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा कि प्रोटोकॉल डिपार्टमेंट से राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की ज़रूरतों के लिए हमें सूचना नहीं मिली थी। सामान्य रूप से जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट राजकीय सम्मान के लिए फ़ाइल देता है और मुख्यमंत्री इसकी मंजूरी देते हैं। लेकिन इस मामले में हमें एक फ़ोन कॉल तक नहीं आई।’

मंत्री ने माफ़ी माँगी, कहा- सीएम से बात करेंगे

महाराष्ट्र सरकार में आवास मंत्री प्रकाश मेहता ने माफ़ी माँगी है। मेहता ने कहा, ‘आचरेकर को राजकीय सम्मान न मिलना दुखद और दुर्भाग्यशाली है। यह किसी की ग़लती और संवेदनहीनता की वजह से हुआ। मैं राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर माफ़ी मांगता हूँ। यह दुखद हैं। मैं देखूँगा, इस मामले में क्या हुआ’

मेहता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मंत्रालय से सुबह ही संदेश मिला।

सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'स्वर्ग में भी अगर क्रिकेट होगा तो आचरेकर सर उसे समृद्ध कर देंगे। उनके अन्य छात्रों की तरह मैंने भी क्रिकेट की एबीसीडी उनसे ही सीखी। मेरे जीवन में उनका योगदान शब्दों से नहीं बताया जा सकता। आज मैं जहाँ खड़ा हूँ, उसका आधार उन्हीं ने बनाया था।'

 - Satya Hindi

इन क्रिकेटरों को दी थी कोचिंग

सचिन ने शुरुआती दिनों में आचरेकर से क्रिकेट सीखा। पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने भी उनसे ट्रेनिंग ली थी। आचरेकर ने अजित अगरकर, चंद्रकांत पंडित और प्रवीण आमरे समेत कई दिग्गज क्रिकेटरों को भी कोचिंग दी थी।

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