बागियों में से कोई चुनाव हारा तो संन्यास ले लूंगाः शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जब से राज्य की कमान संभाली है तभी से उद्धव ठाकरे गुट पर हावी हैं। एकनाथ शिंदे ने फिर से ठाकरे गुट को चुनौती देते हुए कहा है कि उनके साथ जितने भी विधायक शिवसेना से बगावत करके आए हैं अगर उनमें से कोई भी विधायक चुनाव हार गया तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। एकनाथ शिंदे शिवसेना सांसद प्रवक्ता संजय राउत द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के कुछ लोग हमारी सरकार के खिलाफ गलत बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि बीजेपी और शिवसेना की यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लगातार चर्चाओं में रहते हैं। शुक्रवार को शिवसेना के बागी विधायक अब्दुल सत्तार द्वारा आयोजित किए गए सम्मान समारोह कार्यक्रम में एक बार फिर उद्धव ठाकरे गुट पर निशाना साधा।
शिंदे ने कहा कि शिवसेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत हर रोज हमारी सरकार के खिलाफ झूठ का प्रचार कर रहे हैं। मैं उन लोगों को बता देना चाहता हूं कि महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की सरकार ढाई साल चलने वाली है। शिंदे ने कहा कि शिवसेना के 40 विधायकों ने जो बगावत की थी अगर उन विधायकों में से एक भी चुनाव हार जाता है तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। शिंदे ने कहा कि जितने भी विधायक मेरे साथ शिवसेना छोड़कर आए हैं मैं उन्हें वचन देता हूं कि महाराष्ट्र में विकास के कार्य नहीं रुकेंगे।
एकनाथ शिंदे ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि राउत ने शुक्रवार को एक अफवाह फैलाई थी कि शिंदे और फडणवीस सरकार ने औरंगाबाद के नाम को संभाजीनगर करने के आदेश पर रोक लगा दी है जो पूरी तरह से झूठ है। शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार ने शनिवार को कैबिनेट की एक स्पेशल बैठक बुलाई है जिसमें औरंगाबाद के नाम को संभाजी नगर करने का फैसला पारित किया जाएगा।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औरंगाबाद के नाम को संभाजीनगर को स्टे देने की खबर पर कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं किया है। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कैबिनेट की स्पेशल बैठक बुलाई है जिसमें औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने का दोबारा से फैसला पारित किया जाएगा।
फडणवीस ने कहा कि महा विकास अघाडी सरकार की आखिरी कैबिनेट की बैठक में औरंगाबाद के नाम को लेकर जो फैसला लिया गया था वह पूरी तरह से अवैध था। क्योंकि उस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महा विकास अघाडी सरकार को अल्पमत में घिरता हुआ देख बहुमत साबित करने के लिए आदेश जारी किया था। ऐसे में महाविकास अघाडी सरकार को फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं था।
उधर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा है कि उनके गुट के दो तिहाई से ज्यादा विधायक एकनाथ शिंदे कैंप में शामिल हो गए हैं और आए दिन नेताओं द्वारा उनकी पार्टी को छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। यही कारण है कि एकनाथ शिंदे गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है। अठावले ने कहा कि ऐसी भी खबरें हैं कि उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर आगामी चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन इससे उन्हें कुछ फायदा नहीं होने वाला है।
बीजेपी और उद्धव ठाकरे में समझौता कराने के सवाल पर रामदास अठावले ने कहा कि मैंने कई बार उद्धव ठाकरे से बात करके बीजेपी और शिवसेना के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी लेकिन उद्धव ठाकरे ने मेरी बात पर गौर नहीं किया। ऐसे में अब उनकी पार्टी टूट चुकी है और उनका कोई वजूद नहीं रहा है इसलिए बीजेपी और शिवसेना में कोई तालमेल नहीं बैठ सकता है।