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कोरोना जाँच के लिए छह नए टेस्टिंग किट्स

कोरोना जाँच के लिए छह नए टेस्टिंग किट्स

अब मौजूदा आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजेन टेस्ट के अलावा दूसरे छह उपकरणों से कोरोना की जाँच की जा सकेगी। ऐसे किट्स से हुई जाँच के नतीजों को सत्यापित करने की ज़रूरत नहीं होगी। 

ऐसे समय जब रोज़ाना कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या साढ़े तीन लाख से ऊपर हो गई है, सरकार ने कोरोना जाँच के लिए छह नए किस्म के किट्स की इजाज़त दे दी है।

यानी अब मौजूदा आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजेन टेस्ट के अलावा दूसरे छह उपकरणों से कोरोना की जाँच की जा सकेगी। ऐसे किट्स से हुई जाँच के नतीजों को सत्यापित करने की ज़रूरत नहीं होगी। 

केंद्र सरकार की एजेंसी इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रीसर्च ने कहा है कि कोरोना टेस्टिंग किट की उपलब्धता बढ़ाने और नए परीक्षण समाधान पेश करने के लिए यह कदम उठाया गया है। 

आईसीएमआर के इस कदम से यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील की कई वैश्विक एजेंसियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन इस्तेमाल लिस्ट में अधिसूचित एजेंसियों को लाभ मिलेगा, वे भारत में अपने टेस्टिंग किट बेच सकेंगी और भारतीय लैबोरेटरी उनका इस्तेमाल कर सकेंगी। 

टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट प्रोटोकॉल

बता दें कि तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो 1 अप्रैल से लागू हो गए। इसके तहत राज्यों से टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा गया है।

यह अजीब संयोग और विडंबना है कि कोरोना रोकने के लिए पहली बार लॉकडाउन लगाने का एक साल पूरा हो रहा है और संक्रमण एक बार फिर बढ़ रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने उस समय इस पर बहुत ही जल्दी काबू पा लेने का दावा किया था। 

 - Satya Hindi

इसके पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों व केंद्र-शासित क्षेत्रों से कहा था कि कम से कम 70 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जाँच होनी चाहिए, जहाँ इससे कम हों वहाँ आरटी-पीसीआर जाँच बढ़ाई जानी चाहिए। 

यह भी कहा है कि ज़िला प्रशासन को यह अधिकार होगा कि वे अपने आकलन के आधार पर कंटेनमेंट ज़ोन तय करें और उसे सही तरीके से लागू करें। 

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