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कंधार विमान अपहरण में शामिल जहूर मिस्त्री पाक में मारा गया: रिपोर्ट

कंधार विमान अपहरण में शामिल जहूर मिस्त्री पाक में मारा गया: रिपोर्ट

कंधार विमान अपहरण में शामिल रहा जहूर मिस्त्री पाकिस्तान में किस नाम से रह रहा था? जानिए वह कैसे मारा गया।

इंडियन एयरलाइंस आईसी-814 के अपहरण में शामिल जहूर मिस्त्री के पाकिस्तान के कराची में मारे जाने की ख़बर है। पाकिस्तान के कई मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि 1 मार्च को कराची में बाइक सवार दो हमलावरों ने मिस्त्री की हत्या कर दी थी। हत्या की पुष्टि पाकिस्तान के जियो टीवी ने की। हालाँकि जियो टीवी ने उसकी पहचान कराची के एक 'व्यापारी के रूप में की। मिस्त्री कराची में जाहिद अखुंद की फर्जी पहचान के तहत रह रहा था और क्रिसेंट फर्नीचर के नाम से फर्नीचर का कारोबार करता था।

पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्टों में खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि मिस्त्री के अंतिम संस्कार में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई रऊफ असगर सहित आतंकवादी समूह के अन्य लोग शामिल हुए थे। न्यूज 9 ने भी ऐसी ही रिपोर्ट दी है।

24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने के बाद इंडियन एयरलाइंस की उड़ान का अपहरण कर लिया गया था। जहूर मिस्त्री उन पांच अपहर्ताओं में शामिल था, जिनमें रऊफ असगर और अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर शामिल थे। मिस्त्री ने फ्लाइट में यात्रियों में से एक 25 वर्षीय रूपिन कात्याल की हत्या कर दी थी। कात्याल काठमांडू में हनीमून मनाकर पत्नी के साथ दिल्ली लौट रहे थे।

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, चालक दल सहित 180 यात्रियों के साथ लखनऊ के ऊपर उड़ान भरते समय विमान का अपहरण कर लिया गया था और इसे ईंधन भरने के लिए अमृतसर ले जाया गया था। लखनऊ से उड़ान भरने के बाद इसने लाहौर में उतरने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद इसे कंधार ले जाया गया, जहाँ अफ़ग़ानिस्तान में तत्कालीन तालिबान सरकार यात्रियों की रिहाई के लिए बातचीत में शामिल हुई।

31 दिसंबर 1999 को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर के साथ एक भारतीय जेल से रिहा करने के साथ वार्ता समाप्त हो गई। तब तीनों आतंकी समूह हरकत-उल-मुजाहिदीन से जुड़े थे। रिहा होने के बाद और तालिबान अधिकारियों को सौंपे जाने के बाद तीनों पाकिस्तान चले गए। अजहर ने तब से जम्मू-कश्मीर और शेष भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिलाया है। इसमें से 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 का पुलवामा हमला शामिल है जिसमें 40 सीआरपीएफ़ जवानों की जान चली गई थी।

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