दिल्ली दंगा: अंकित को लगे थे 12 चाकू लेकिन 400 चाकू का झूठ क्यों फैलाया गया?
इसी तरह के मैसेज को फ़ेसबुक पर भी कॉपी किया गया। देखिए, बिलकुल यही मैसेज कौशल कौशलेन्द्र नाम के फ़ेसबुक यूजर ने लिखा, ‘अंकित को 400 चाकू मारे गए थे। यह बर्बरता सबूत है कि तालिबान, जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस के जींस दिल्ली तक आ चुके हैं।’
मनोज तिवारी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘अंकित शर्मा को 400 चाकू सिर्फ इसलिए मारे गये क्योंकि वह हिन्दू था, पुलिस वाले इसलिए मारे गए क्योंकि वे हिन्दू थे... सिर्फ ताहिर ही नहीं अमानतुल्लाह ख़ान भी मुजरिम है। थोड़ा वक्त लगेगा किन्तु अमानतुल्लाह ख़ान भी जेल की सलाखों में होगा।’
बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती जैसी वरिष्ठ नेता ने तक बिना कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आये इसी बात को दुहरा दिया कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारे गये थे। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं देश का मनोबल गिरा देंगी और पुलिस को वीडियोज में दिख रहे दंगाइयों पर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।
सोम सिंह थापा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा को 400 चाकू मारे गए थे और ताहिर हुसैन का आतंकी कनेक्शन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
मिहिर कुमार झा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘अंकित शर्मा को किस बेदर्दी से मारा गया, 400 बार उसे चाकू से जख्म दिये गये और 4 घंटे तक तड़पाया गया। ना किसी से दुश्मनी थी ना कोई तरह का झगड़ा था आख़िर ऐसा क्यों सिर्फ इसलिए क्योंकि वह हिंदू थे।’
यहां एक बात पूरी तरह साफ़ है कि अंकित की मौत का दुख मानवता में भरोसा रखने वाले हर एक व्यक्ति को है लेकिन इस झूठ का पर्दाफाश होना चाहिए कि आख़िर बिना किसी मेडिकल या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के यह बात क्यों और किस मक़सद से फैलाई गई।
अंकित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ़ है कि उसे 400 बार चाकू मारे जाने का झूठा प्रचार किया गया था। लेकिन जब तक रिपोर्ट आयी तब तक झूठ फैलाने वाले लोग अपना काम कर चुके थे। वे जितना जहर घोल सकते थे, घोल चुके थे। लेकिन लोगों को इसे लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि आये दिन इस तरह के झूठ फैलाये जा रहे हैं और झूठ फैलाने वाले उनका झूठ सौ बार पकड़े जाने के बाद भी अपना काम जारी रखे हुए हैं।