मैं सीएम-पीएम तो बनना चाहती हूं, राष्ट्रपति नहींः मायावती
बीएसपी प्रमुख मायावती ने खुद को लेकर फैल रही अफवाहों के बीच गुरुवार को साफ किया कि वो राष्ट्रपति नहीं बनना चाहती हैं और न ही उनका ऐसा कोई इरादा है। मायावती ने कहा कि मैं फिर से उत्तर प्रदेश का सीएम या पीएम बनने का सपना देख सकती हूं लेकिन देश के राष्ट्रपति का नहीं। यूपी में बीजेपी की जीत के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) जिम्मेदार है। सपा मुझे देश का राष्ट्रपति बनाने का सपना देख रही है ताकि यूपी सीएम पद के लिए उनका रास्ता साफ हो सके।मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही। दरअसल, बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि मायावती की पार्टी ने दलित वोट बीजेपी में ट्रांसफर करा दिए हैं। अब मायावती को राष्ट्रपति बनाया जा रहा है। इसी मुद्दे पर गुुरुवार को मायावती को सफाई देना पड़ी।
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि सपा अध्यक्ष यह घिनौनी राजनीति बंद करें। मैं सीएम और पीएम बनने का ख्वाब तो देख सकती हूं और इसी वजह से यूपी में हूं लेकिन राष्ट्रपति का ख्वाब तो दूर-दूर तक नहीं देखती। मैं यूपी में रहकर जनता की सेवा करना चाहती हूं।उन्होंने कहा कि मैं ऐशो आराम की जिन्दगी नहीं जीना चाहती। बल्कि बाबा साहब आंबेडकर और मान्यवर कांशीराम के पदचिह्नों पर चलते हुए समाज के लिए काम करना चाहती हूं। सपा ऐसा इसलिए कह रही है ताकि अखिलेश के लिए सीएम पद का रास्ता साफ हो सके। बीएसपी राज्य में फिर से सरकार बनाएगी और लौटेगी।
बुधवार को मैनपुरी में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने वोट तो बीजेपी को दे दिया है लेकिन अब इंतजार इस बात का है कि क्या वह पार्टी की मुखिया मायावती को राष्ट्रपति बनाएगी। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि बीएसपी ने अपना सारा वोट बीजेपी को ट्रांसफर करा दिया है। इसे लेकर ही अखिलेश यादव ने मायावती पर यह तंज कसा है।राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव जुलाई में होना है और इसके लिए एनडीए और यूपीए की ओर से उम्मीदवार कौन होगा इसे लेकर सियासी गणित तैयार की जा रही है। बीजेपी को हालिया 5 में से 4 चुनावी राज्यों में जो कामयाबी मिली है इससे उसके लिए चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव में जीत दिलाना आसान हो सकता है।