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I.N.D.I.A का अविश्वास प्रस्ताव आज, भाजपा का चौतरफा हमला 

I.N.D.I.A का अविश्वास प्रस्ताव आज, भाजपा का चौतरफा हमला 

केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष आज संयुक्त प्रस्ताव सदन में पेश कर सकता है। इसके मद्देनजर भाजपा ने विपक्ष पर चारों तरफ से तीखा हमला बोल दिया है। भाजपा का हर नेता और सरकार का मंत्री इंडिया पर बयान से हमला कर रहा है।

सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष यानी इंडिया आज अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। कल रात कांग्रेस की उच्चस्तरीय बैठक में इस संबंध में विचार किया गया। इसके बाद कांग्रेस ने कुछ अन्य विपक्षी दलों से संपर्क किया। अविश्वास प्रस्ताव की आहट पर भाजपा के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने इंडिया पर एक साथ हमला बोला। हालांकि इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह से ही कर दी थी। भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्ष को 'दिशाहीन' बताया था। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने उनके हवाले से कहा, "इंडियन नेशनल कांग्रेस। ईस्ट इंडिया कंपनी। इंडियन मुजाहिदीन। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया - ये भी इंडिया हैं। सिर्फ इंडिया नाम का इस्तेमाल करने का कोई मतलब नहीं है।"

संसद के मॉनसून सत्र का आज पांचवा दिन है। पिछले चार दिन बिना किसी चर्चा में बीते हैं। इंडिया संसद में मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान की मांग कर रहा है। पीएम मोदी ने 20 जुलाई को संसद के बाहर मणिपुर के वायरल वीडियो की घटना पर अफसोस जताया, निन्दा की लेकिन संसद के अंदर वो बोलने को तैयार नहीं है। जबकि विपक्ष इस मांग को लेकर अडिग है। दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्री के बयान की पेशकश की गई लेकिन विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंडिया नाम की तुलना "ऐसा बच्चा जो अपनी परीक्षा में असफल हो गया" से की। नड्डा ने ट्वीट में कहा- "एक बच्चा था जो अपनी सभी परीक्षाओं में फेल हो गया था। उसके सहपाठी और पड़ोसी उससे नफरत करते थे। इसलिए उसके माता-पिता ने उनकी धारणा बदलने के लिए उसका नाम बदलने के बारे में सोचा। क्या यह मामला I.N.D.I.A जैसा नहीं है?"  इसके बाद अमित शाह, एस जयशंकर, प्रह्लाद जोशी और किरण रिजिजू सहित कई मंत्रियों और प्रमुख नेताओं ने इंडिया को लेकर ट्वीट किए। 

गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा-  "अपने कष्टप्रद अतीत से छुटकारा पाने के लिए, विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम बदल दिया है। लेकिन केवल नाम बदलकर I.N.D.I.A. करने से उनके पिछले कर्म लोगों की स्मृति से नहीं मिटेंगे। हमारे देश के लोग इस प्रचार को समझने के लिए काफी बुद्धिमान हैं और इस पुराने प्रोडक्ट को उसी अस्वीकृति के साथ एक नए लेबल के साथ जवाब देंगे।”

केंद्रीय गृह मंत्री को आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जबरदस्त जवाब दिया- लगता है तीर निशाने पर लगा है…तकलीफ़ बहुत हो रही है…।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने ट्वीट किया- विडंबना यह है कि जो लोग विदेश से हस्तक्षेप चाहते हैं वे अब मानते हैं कि I.N.D.I.A एक आवरण के रूप में काम कर सकता है। कोइ चिंता नहीं; लोग इसको समझ जाएंगे।

हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ सुमित दूबे ने इसका तीखा जवाब दिया। सुमित ने लिखा - हे भगवान, आपके पास भारत पर कहने के लिए बहुत कुछ है,

लेकिन चीन से लेह, अरुणाचल प्रदेश में हमारी भूमि की सुरक्षा के लिए बोलने के लिए एक भी शब्द नहीं है और आपके पास मणिपुर और अब मिजोरम में भाजपाइयों के आक्रोश, कुप्रबंधन शासन के बारे में बोलने की हिम्मत नहीं है। लोगों के लिए बोलें जयशंकर।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने लिखा - राहुल गांधी देश के हितों के खिलाफ काम करते हैं लेकिन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, इंडियन मुजाहिदीन, ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह इंडिया का दुरुपयोग करके लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं...। किरण रिजिजू का दिल कल के ट्वीट से नहीं भरा था। आज 26 जुलाई को भी उन्होंने इंडिया नाम पर हमला जारी रखा। आज बुधवार को उन्होंने लिखा है- इसी तरह टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों का एक स्टाइल होता है. उनके शहरी समर्थक स्पष्ट रूप से अपनी नकली राष्ट्रवादी पहचान का दावा करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज और भारतीय संविधान जैसे प्रतीकों का उपयोग करते हैं, जबकि उनके सशस्त्र भूमिगत सदस्य भारतीय तिरंगे झंडे और संविधान को जलाते हैं। इंडिया पर हमला करने के लिए 'धर्मनिरपेक्ष' और 'स्वतंत्रता' उनके सबसे प्रबल पसंदीदा शब्द हैं।

तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ'ब्रायन, जिनकी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव ला रही है, ने मंगलवार शाम को अपनी योजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा-  "लोकसभा के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया बताई गई है। तस्वीर अभी बाकी है!" उन्होंने संवाददाताओं से कहा. अविश्वास प्रस्ताव की योजना मणिपुर की स्थिति पर संसद में भारी गतिरोध के बीच आई है, जिस पर विपक्ष दोनों सदनों में चर्चा और प्रधान मंत्री से बयान की मांग कर रहा है। सरकार केवल चर्चा और केंद्रीय गृह मंत्री के बयान की अनुमति देने को तैयार है।

मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं को नग्न कर परेड कराने का वीडियो वायरल 19 जुलाई को सामने आया था। उसके अगले दिन 20 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ था। इस सत्र के लिए सरकार के विधेयकों की लंबी सूची को देखते हुए, अभी कोई चर्चा नहीं हो पाई है। एक ट्वीट में, डेरेक ओ'ब्रायन ने यह भी कहा कि पीएम मोदी का "एक राजनीतिक गठबंधन की आतंकवादी समूह से तुलना करना मणिपुर संकट से जनता का ध्यान भटकाने के लिए एक हताशा भरा कदम है। संसद के बाहर बात करने के बजाय, हम उन्हें सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करने की चुनौती देते हैं। राजनीति पर लोगों को प्राथमिकता दें!"

इसी तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कल ही जवाब देते हुए कहा था - मोदी जी, आप हमें चाहे जो कहकर बुलाएं लेकिन हम ही I.N.D.I.A हैं।

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