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टीवी चैनलों पर सख़्त हुई सरकार, एडवाइजरी जारी 

टीवी चैनलों पर सख़्त हुई सरकार, एडवाइजरी जारी 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बेहद सख्त शब्दों में अपनी बात खबरिया चैनलों तक पहुंचा दी है। देखना होगा कि क्या चैनल इस पर अमल करेंगे?

केंद्र सरकार ने शनिवार को एडवाइजरी जारी कर टीवी चैनलों को चेताया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में रूस-यूक्रेन युद्ध और बीते कुछ दिनों में हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं की कवरेज को लेकर मंत्रालय ने सख़्त शब्दों में अपनी बात कही है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार जरूरत पड़ने पर किसी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम या प्रसारण को नियंत्रित या प्रतिबंधित कर सकती है।

बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच बीते 2 महीने से भीषण युद्ध चल रहा है और भारत में कई टीवी चैनलों पर अधिकतर वक्त में इसे ही दिखाया जा रहा है। 

इसके अलावा हाल ही में हुई सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर भी देश में माहौल तनावपूर्ण है और मीडिया कवरेज की वजह से हालात न बिगड़ें, केंद्र सरकार ने इसके लिए न्यूज़ चैनलों को चेताया है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि कुछ चैनल कुछ घटनाओं और कार्यक्रमों की कवरेज इस तरह करते हैं जिससे यह अविश्वसनीय, गुमराह करने वाले, संवेदनशील लगते हैं और ये ऐसी भाषा वाले होते हैं जिन्हें समाज में स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार का सीधा इशारा रूस-यूक्रेन युद्ध और दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर हुए सांप्रदायिक तनाव की घटना के बाद हुई रिपोर्टिंग की ओर है।

मंत्रालय ने कहा है कि कुछ न्यूज़ चैनल यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर झूठे दावे कर रहे हैं और इस तरह की हैडलाइन और टैगलाइन लगाते हैं जो कि कई बार उस खबर से संबंधित ही नहीं होती। मंत्रालय ने जहांगीरपुरी में हुई घटना को लेकर कवरेज के दौरान न्यूज़ चैनलों पर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का आरोप भी लगाया है।

एडवाइजरी में कहा गया है कि न्यूज़ चैनल भड़काऊ हैडलाइन और हिंसा के वीडियो को दिखाते हैं जिससे अलग-अलग समुदायों के बीच में सांप्रदायिक नफरत बढ़ सकती है और इससे कानून और व्यवस्था की स्थिति भी खराब हो सकती है।

एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि कुछ न्यूज़ चैनलों की बहसों में असंसदीय, भड़काऊ और समाज में स्वीकार्य न किए जाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया जाता है और इसका दर्शकों पर नकारात्मक असर होता है। इस वजह से भी सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है और बड़े पैमाने पर शांति भंग हो सकती है।

मीडिया में दिखाई गई खबरों का निश्चित रूप से दर्शकों पर बहुत बड़ा असर होता है और ऐसे में जरूरी है कि मीडिया चैनल अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए और सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एडवाइजरी को ध्यान में रखते हुए इस तरह से खबरें ना दिखाएं जिनसे समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ता हो।

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