मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में हूं, लेकिन ये अधूरा हैः राहुल गांधी
बुधवार को संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में हूं, लेकिन ये अधूरा है। उन्होंने कहा कि जब सांसदों को पुरानी संसद से नई संसद में ले जाया जा रहा था तो राष्ट्रपति को मौजूद होना चाहिए था।
राहुल ने कहा कि हमारे संस्थानों में ओबीसी की भागीदारी कितनी है, इसको लेकर मैंने रिसर्च किया को पाया कि सरकार चलाने वाले जो 90 सचिवों में से मात्र तीन ही ओबीसी समाज से हैं। राहुल गांधी ने कहा कि इसे जल्दी से जल्दी बदलिए। यह ओबीसी समाज का अपमान हैं। राहुल गांधी के भाषण को दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा किया इसपर राहुल ने कहा कि डरो नहीं। उनके डरो मत कहने पर स्पीकर ओम बिड़ला ने टोकते हुए कहा मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि सदन में सभी सदस्य बराबर हैं। इसलिए उन्हें 'डरो मत डरो मत नहीं कहें।
राहुल गांधी ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई महिलाओं ने भी लड़ी थी। महिला आरक्षण बिल अच्छी पहल है लेकिन इसे लागू करने में बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए और इसे आज से ही लागू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से यह बिल अधुरा है क्योंकि इसमें ओबीसी आरक्षण की बात नहीं है। इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा। मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि सरकार कई मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। इसमें से एक मुद्दा है जातिगत जनगणना। मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता कि क्या कारण है कि जैसे ही विपक्ष जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाता है, भाजपा अन्य मुद्दों को लाकर अचानक ध्यान भटकाने की कोशिश करती है ताकि ओबीसी समुदाय और भारत के लोग दूसरी तरफ देखने लगें।
शाह ने कहा महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर डिबेट का जवाब देने बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह आए। उन्होंने कहा कि संविधान के 128वें संशोधन पर बात करने के लिए मैं यहां खड़ा हूं। उनके ये कहते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर शाह ने राहुल गांधी की तरह मुस्कुराते हुए कहा कि डरो मत।अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक युग बदलने वाला विधेयक है। मंगलवार का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है। कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का सवाल है। इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी।
जी 20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा। कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ। मोदी ने ही भाजपा में महिलाओं को पार्टी पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया।
महुआ ने कहा मुस्लिम महिलाओं को भी फायदा मिले
बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण देना चाहिए। इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण मांगने वालों को मैं बताना चाहती हूं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, उसमें ना फंसें।चर्चा में भाग लेते हुए एनसीपी की सांसज सांसद सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने भी विधेयक में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। सुप्रिया सुले ने कहा कि केंद्र सरकार बड़ा दिल करके इस विधेयक में एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था करे। डिंपल यादव ने कहा कि विधेयक में ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए।