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हैदराबाद रेप-हत्याकांड: मुठभेड़ पर क्यों है लोगों की अलग-अलग राय?

हैदराबाद रेप-हत्याकांड: मुठभेड़ पर क्यों है लोगों की अलग-अलग राय?

हैदराबाद की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में चारों आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ आई हैं।

हैदराबाद की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में चारों आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ आई हैं। जहाँ मुठभेड़ की जगह पर सैकड़ों लोग इकट्ठा होकर जश्न मना रहे हैं वहीं कुछ लोग मुठभेड़ पर सवाल भी उठा रहे हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि वह ख़ुश हैं कि उन्हें न्याय मिला। 2012 में दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की माँ ने भी खुशी ज़ाहिर की है। कई दलों के नेताओं ने भी इसे जायज़ ठहराया है, लेकिन कई लोग हैं जो न्याय प्रक्रिया को पालन किए जाने पर ज़ोर दे रहे हैं। हालाँकि, जल्द से जल्द न्याय मिलने के पक्ष में हर कोई बात कह रहा है, लेकिन कई लोगों ने मुठभेड़ का तरीक़ा अपनाने पर असहमति जताई है।

बता दें कि हैदराबाद पुलिस ने दावा किया है कि पुलिस जाँच के लिए जब चारों आरोपियों को हत्या की जगह पर ले जाया जा रहा था तभी उन्होंने भागने की कोशिश की। मुठभेड़ में चारों वहीं पर ढेर हो गए। पुलिस द्वारा वहाँ क्राइम सीन को रीक्रिएट किया जा रहा था। बता दें कि बदमाशों द्वारा फ्लाइओवर के नीचे पीड़िता को आग के हवाले किया गया था। 

‘एनडीटीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस मुठभेड़ की ख़बर आने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, 'मेरी बेटी की मृत्यु हुए 10 दिन हो गए हैं। मैं इसके लिए पुलिस और सरकार के प्रति आभारी हूँ। मेरी बेटी की आत्मा को अब ज़रूर शांति मिली होगी।'

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की माँ ने कहा कि ‘पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया है’। उन्होंने कहा, ‘मैं इस सज़ा से बहुत खुश हूँ। पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया है और मेरी माँग है कि पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि मैं पिछले कई सालों से इधर उधर भटक रही हूँ, इस देश और सरकार की न्याय प्रणाली से अपील करती हूँ कि मेरी बेटी के दोषियों को फाँसी की सज़ा दी जानी चाहिए।

‘किन परिस्थितियों में एनकाउंटर’

राष्ट्रीय महिला आयोग की रेखा शर्मा ने कहा, ‘एक आम नागरिक के रूप में मैं खुश महसूस कर रही हूँ कि यही वह अंत था जो हम सभी उनके लिए चाहते थे। लेकिन यह अंत क़ानूनी प्रणाली के माध्यम से होना चाहिए था। यह उचित चैनलों के माध्यम से होना चाहिए था।’

उन्होंने साफ़ कहा कि हमने हमेशा उनके लिए मृत्युदंड की मांग की और यहाँ पुलिस सबसे अच्छी जज है, मुझे नहीं पता कि किन परिस्थितियों में यह हुआ।

‘मुठभेड़ से हत्याएँ सिस्टम के लिए धब्बा’

कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा, “बलात्कार एक जघन्य अपराध है। इसे क़ानून के प्रावधानों के तहत कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। मैं इस नृशंस अपराध के कथित अपराधियों के लिए कोई सहानुभूति नहीं रखता हूँ, ‘मुठभेड़ हत्याएँ’ हमारे सिस्टम के लिए एक धब्बा हैं। हालाँकि, मैं मानता हूँ कि तुरंत न्याय मिलना चाहिए, लेकिन यह तरीक़ा ठीक नहीं है।”

आप नेता प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि फ़िलहाल लोग एनकाउंटर की खुशी मना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि न्याय हो गया क्योंकि न्यायपालिका पर हमें भरोसा नहीं! लेकिन एनकाउंटर का मतलब राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित लिंचिंग है। मौजूदा सरकार सबको लिंचर बनाना चाहती है।’

यूपी पुलिस सीखे हैदराबाद से: मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि यूपी में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार सो रही है। उन्होंने कहा कि यूपी और दिल्ली पुलिस को हैदराबाद पुलिस से सीखना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहाँ उन्हें मेहमानों की तरह देखा जाता है क्योंकि यूपी में फ़िलहाल जंगलराज है।

बीजेपी उपाध्यक्ष उमा भारती ने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले सभी पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी अभिनंदन के पात्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं अब विश्वास कर सकती हूँ कि दूसरे राज्यों के शासन में बैठे हुए लोग अपराधियों को तत्काल सबक सिखाने के रास्ते निकालेंगे।

बता दें कि हैदराबाद के शादनगर में 27 नवंबर की रात जानवरों की डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों मुहम्मद आरिफ़, शिवा, नवीन और केशवुलू को पुलिस रिमांड में रखा था। चारों आरोपियों को फाँसी की सज़ा दिए जाने की माँग की जा रही थी। इसके लिए देश भर में कई जगह प्रदर्शन हुए थे। पुलिस से लेकर सरकार तक पर इस मामले को लेकर काफ़ी दबाव रहा है। इसी बीच यह पुलिस मुठभेड़ का मामला सामने आया है।

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