हैदराबाद रेप-हत्याकांड: जहाँ पीड़िता को मारा था वहीं चारों आरोपियों का एनकाउंटर
पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले हैदराबाद की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में चारों आरोपी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं। हैदराबाद पुलिस ने दावा किया है कि पुलिस जाँच के लिए जब चारों आरोपियों को हत्या की जगह पर ले जाया जा रहा था तभी उन्होंने भागने की कोशिश की। एनकाउंटर में चारों वहीं पर ढेर हो गए। आरोपियों को घटनास्थल पर इसलिए लाया गया था कि डॉक्टर की हत्या की रात वहाँ से डॉक्टर के सामान को बरामद किया जा सके। बता दें कि बदमाशों द्वारा फ्लाइओवर के नीचे पीड़िता को आग के हवाले किया गया था। चारों आरोपियों के एनकाउंटर के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया। साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वी सी सज्जनार ने इसकी पुष्टि की और कहा कि चारों आरोपी शादनगर के चटनपल्ली में शुक्रवार तड़के तीन बजे से छह बजे की बीच एनकाउंटर में मारे गए।
बता दें कि हैदराबाद के शादनगर में 27 नवंबर की रात जानवरों की डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों मुहम्मद आरिफ़, शिवा, नवीन और केशवुलू को पुलिस रिमांड में रखा था। चारों आरोपियों को फाँसी की सज़ा दिए जाने की माँग की जा रही थी। इसके लिए देश भर में कई जगह प्रदर्शन हुए थे। पुलिस से लेकर सरकार तक पर इस मामले को लेकर काफ़ी दबाव रहा है।
Telangana Police: All four people accused in the rape and murder of woman veterinarian in Telangana have been killed in an encounter with the police. More details awaited. pic.twitter.com/AxmfQSWJFK
— ANI (@ANI) December 6, 2019
27 नवंबर की रात महिला डॉक्टर के साथ यह घटना तब घटी थी जब उनकी स्कूटी का टायर पंक्चर हो गया था। पुलिस रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि चारों ने पहले से ही इसकी साज़िश रची थी। आरोपियों के बयान के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार, जब महिला डॉक्टर की स्कूटी देखी तभी आरोपियों ने इस वारदात की साज़िश रची थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि टायर भी आरोपियों ने ही पंक्चर किया था। रिपोर्ट के अनुसार, जब रात 9.15 बजे डॉक्टर लौटीं तो आरोपी सहायता करने के बहाने उनके पास गए थे। उनमें से तीन आरोपी जबरन उन्हें टोल गेट के पास ही झाड़ियों में ले गए थे।
पीड़िता सहायता के लिए चीखती-चिल्लाती रही। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, इसी दौरान आरोपियों ने आवाज़ बंद करने के लिए डॉक्टर के मुँह में शराब डाल दी थी। आरोपियों ने बलात्कार किया और तब तक ज़्यादती की जब तक कि वह अचेत नहीं हो गई थीं। ख़ून से लथपथ डॉक्टर जब होश में आईं तो आरोपियों ने उसका मुँह बंद कर मार डाला था। इसके बाद कंबल में लपेटकर आरोपी शव को फ़्लाईओवर के नीचे ले गए थे और पेट्रोल डालकर रात क़रीब 2.30 बजे आग लगा दी थी।
बता दें कि इस इस घटना के बाद तेलंगाना ही नहीं पूरे देश भर में सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पर आरोपियों और पुलिस लापरवाही के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा रहा। लोगों में ग़ुस्सा इस माँग को लेकर भी थी कि दोषियों को फाँसी की सजा तुरंत दी जाए। इसी ग़ुस्से के बाद चार आरोपियों को घटना के 48 घंटे के भीतर ग़िरफ़्तार किया गया और तीन पुलिसकर्मियों को एफ़आईआर लिखने में कथित रूप से लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित किया गया था। इस बीच एक दिसंबर को तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव का ने बयान जारी कर आदेश दिया था कि इस मामले की जाँच के लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट गठित होगा। उन्होंने पीड़िता के परिवार को सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया था। हालाँकि इसके बाद भी लोगों का ग़ुस्सा कम नहीं हुआ।