बिहार: लॉकडाउन में अफ़सर से वाहन पास मांगने पर जवान को किया अपमानित
बिहार के अररिया जिले में ड्यूटी पर तैनात होम गार्ड के एक जवान को एक अफ़सर से वाहन का पास मांगना भारी पड़ गया। जवान की ड्यूटी लगाई गई थी कि वह लॉकडाउन के दौरान आने-जाने वाले वाहन चालकों के पास की जांच करे। ऐसे में जब उसने एक कृषि अधिकारी से पास दिखाने के लिए कहा तो वह उस पर भड़क गये।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कृषि अधिकारी मनोज कुमार के साथ ही एक अन्य व्यक्ति जो शायद जवान के सीनियर अफ़सर हैं, उसे बुरी तरह डांट रहे हैं। होम गार्ड के जवान से उठक-बैठक लगवाई जा रही है और जवान के अफ़सर उससे कहते हैं, ‘तुमने उन्हें रोकने की हिम्मत कैसे की, वह वरिष्ठ कृषि अधिकारी हैं।’ मामले के तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना का वीडियो ट्वीट कर कहा है कि बिहार में अफ़सरशाही बेलगाम है। यादव ने कहा है कि कर्तव्यपरायण होमगार्ड ने कृषि अधिकारी से सिर्फ़ गाड़ी का पास दिखाने के लिए कहा था।
बिहार में अफ़सरशाही बेलगाम है। कैसे ज़िला कृषि अधिकारी एक बुज़ुर्ग होमगार्ड से उठक-बैठक करवा रहा है क्योंकि कर्तव्यपरायण होमगार्ड ने उससे गाड़ी का पास दिखाने को कहा था। हाल ही में बेगुसराय में पुलिस कस्टडी में 2 युवाओं की संस्थानिक हत्या हुई है।जनप्रतिनिधियों की कोई नहीं सुन रहा। https://t.co/2TXdXR8E0R pic.twitter.com/rK1vIzj9Vg
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 21, 2020
इस मामले का वीडियो देखने के बाद सीधा सवाल यही है कि लॉकडाउन के दौरान अपनी ड्यूटी का पालन करके क्या होम गार्ड ने कोई गुनाह कर दिया है। अगर वह ऐसे ही किसी को जाने देगा तो उसे इस बात के लिए डांटा जाएगा कि उसने बिना जांच के क्यों जाने दिया और अगर जांच करेगा तो अपमान और दबंगई सहेगा।
अगर इस तरह हर आम कर्मचारी को अपमानित किया जाएगा तो लॉकडाउन का पालन ही नहीं हो सकेगा। क्योंकि इससे दूसरे कर्मचारियों में ख़ौफ़ पैदा होगा और अपमान व कार्रवाई के डर से वे किसी की जांच ही नहीं करेंगे।
अगर कृषि अधिकारी जवान को वाहन का पास दिखा देते या बता देते कि वह सरकारी अफ़सर हैं और कहीं मीटिंग के लिए जा रहे हैं तो उनका क्या बिगड़ जाता। लेकिन नहीं, उनके और जवान के सीनियर अफ़सर के सिर पर अफ़सरशाही का भूत सवार था। उन्होंने जवान को भरसक जलील किया, उससे कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई, ख़ूब खरी-खोटी भी सुना दी और किसलिए, सिर्फ़ अपनी ड्यूटी का पालन करने के जुर्म में।