हिजाब पहने को लेकर जम्मू कश्मीर में नया विवाद शुरू हो गया है। ताज़ा मामला श्रीनगर से सामने आया है जहां विश्व भारती हायर सेकंडरी स्कूल ने छात्राओं को एक खास तरह का हिजाब पहनकर आने से मना कर दिया है। इसे पहनकर आने वाली छात्राओं को स्कूल में आने की अनुमति नहीं दी है और इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। स्कूल के इस कदम के बाद इसका विरोध हो रहा है।
स्कूल की छात्राओं ने कहा है कि वे स्कूल के इस फैसले का विरोध करती हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या हिजाब पहनने वाली लड़कियों को शिक्षा का अधिकार नहीं है ? छात्राओं ने धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए हिजाब हटाने से इंकार कर दिया है। विरोध कर रही छात्राओं का कहना है कि जब बाकि के स्कूलों में इसकी अनुमति है तो यहां क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन कह रहा है कि या तो हिजाब हटाएं या किसी दर्सगाह (धार्मिक स्कूल) में चले जाएं। स्कूल प्रशासन इस मुद्दे को धार्मिक बना रहा है।
प्रिंसिपल ने कहा ड्रेस में हिजाब है
इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा है कि हमारे स्कूल का अपना ड्रेस कोड हैं। इस ड्रेस कोड में सफेद रंग का हिजाब भी शामिल है। लेकिन कुछ लड़कियां इससे अलग हिजाब पहनकर आती हैं। सफेद हिजाब की जगह काले या डिजाइनर हिजाब पहनकर भी छात्राएं आती हैं। छात्राओं को अबाया ( एक तरह का हिजाब) पहनने से रोका गया है। साथ ही कहा गया है कि अगर हिजाब पहनना ही है तो सफेद रंग वाला हिजाब पहने।
वहीं विरोध कर रही छात्राओं के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन ने कहा है कि अगर वे फिर से अबाया ( एक तरह का हिजाब) पहनकर आती हैं तो उन्हें स्कूल से डिस्चार्ज सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा। हालांकि स्कूल प्रशासन ने इस आरोप को ग़लत बताया है।
महबूबा और उमर ने भी जताया विरोध
श्रीनगर के स्कूल में गुरुवार को सामने आए इस विवाद पर जम्मू - कश्मीर के राजनेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अबाया (एक तरह का हिजाब) पहनने पर रोक की तुलना कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध मामले से की है। उन्होंने कहा है कि यह स्वीकार नहीं है। किसी पर भी कुछ थोपा नहीं जाना चाहिए।
वहीं राज्य की नेशनल कांफ्रेंस पार्टी ने कहा है कि यह धार्मिक मामले में हस्तक्षेप है जो कि नहीं होना चाहिए। पार्टी ने कहा है कि हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
कर्नाटक में हो चुका है हिजाब पर विवाद
इससे पूर्व कर्नाटक के उडुपी जिले में 31 दिसंबर 2021 को 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने से रोका गया था। इसके बाद बड़ा विवाद छिड़ गया था। हिजाब पर रोक के बाद छात्राओं ने धरना प्रदर्शन किया था। बाद में राज्य सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में सभी तरह के धार्मिक पहचान वाले कपड़ों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मामला हाईकोर्ट गया था जहां हाईकोर्ट ने कॉलेज यूनिफॉर्म को आवश्यक बताया था। यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ बाद में यह सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा जहां यह अभी पेंडिंग है।