दुबे का वीडियो वायरल, लिया दो बीजेपी विधायकों का नाम, विधायक बोले - कोई संबंध नहीं
कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद जरायम की दुनिया में इन दिनों विकास दुबे के नाम की चर्चा है। इस कुख्यात बदमाश का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह एक मामले में बीजेपी के दो विधायकों का नाम ले रहा है। यह वीडियो 2017 का बताया जा रहा है।
इसमें विकास दुबे से सरकारी कार्य में बाधा डालने व एक अन्य मामले में एफ़िडेविट को लेकर यूपी पुलिस की एसटीएफ़ पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि हत्या के किसी मामले में बीजेपी नेताओं ने विकास दुबे की पैरवी की थी।
वायरल वीडियो में विकास दुबे से पूछा जा रहा है कि उसके पक्ष में एफ़िडेविट देने के लिए उसने क्या कोई दबाव बनाया था, इस पर विकास दुबे कहता है कि उसने दबाव नहीं बनाया लेकिन अपने स्थानीय नेताओं के जरिये प्रयास किया था। वे कौन लोग हैं, यह पूछने पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे कहता है, ‘हमारे स्थानीय विधायक भगवती प्रसाद सागर, विधायक अभिजीत सांगा, ब्लाक प्रमुख राजेश कमल, जिला पंचायत अध्यक्ष कटियार और चार-पांच प्रधान लोग हैं।’
विकास दुबे कहता है कि इन लोगों से उसकी बात भी होती है और उनके घर आना-जाना भी होता है, मुलाक़ात भी होती है।
दुबे का यह वीडियो सामने आते ही बीजेपी के ख़ेमे में ख़ासा हड़कंप मच गया। कानपुर के बिल्हौर से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ‘मैंने कभी भी विकास दुबे की कोई मदद नहीं की। कानपुर से लेकर शासन स्तर तक पूरी जांच करवाई जाए, मैंने कभी भी टेलीफ़ोन से लेकर मौखिक रूप से विकास दुबे के पक्ष में न तो सिफ़ारिश की है और न ही किसी अधिकारी के बारे में कुछ कहा है।’
भगवती प्रसाद सागर कहते हैं कि विकास दुबे ने उनके चुनाव में उनका बहुत नुक़सान किया। वह कहते हैं कि पुलिसकर्मियों के साथ किए गए इस जघन्य हत्याकांड की सजा उसे मिलनी चाहिए।
दूसरे बीजेपी विधायक अभिजीत सांगा ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ‘विकास दुबे बेहद शातिर अपराधी है, जिसकी सरकार रहती है, उसका नाम लेने लगता है, उसके नेताओं की बात करता है, जिससे उसे फायदा मिले, मेरा उससे कोई लेना-देना नहीं है।’
बिठूर के विधायक सांगा ने कहा, ‘मेरी विकास दुबे के साथ कोई बैठक नहीं हुई है, किसी शादी, बारात में हो सकता है कि जिसमें मैं गया हूं, वह भी आया हुआ हो। मेरे पास अनेकों प्रमाण ऐसे हैं, जिनमें विकास दुबे ने जिन लोगों को परेशान किया, मैंने उनकी मदद की है।’ अभिजीत सांगा ने कहा है कि वह इस मामले में थाने में अपना पक्ष रखेंगे।
अब यहां सच क्या है, यह सामने आना बेहद ज़रूरी है क्योंकि विकास दुबे ने इन दोनों विधायकों का नाम खुलकर लिया है। दोनों विधायक उससे किसी तरह का संबंध होने या जान-पहचान होने तक से इनकार कर रहे हैं, जबकि दुबे कह रहा है कि इन लोगों से उसकी बात भी होती है और उनके घर आना-जाना भी होता है।
इस वीडियो के सामने आने से राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को जवाब देने में ख़ासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। विकास दुबे राजनीतिक रसूख वाला शख़्स है और कहा जाता है कि विधायक से लेकर पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनावों में बड़ी पार्टियों के नेता उसकी मदद लेते रहे हैं। ऐसे में इस बात का सच सामने आना चाहिए कि बीजेपी ही नहीं और भी दलों के किन नेताओं के साथ इस कुख़्यात बदमाश के संबंध रहे हैं।
8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद सरकार और प्रशासन इस मामले में बेहद सख़्त है। घटना के अगले दिन विकास दुबे के घर को जेसीबी से ढहा दिया गया था और इस दौरान वहां खड़ी कई गाड़ियों को भी पुलिस ने चकनाचूर कर दिया था। बताया गया है कि विकास दुबे इस घर से अपना आपराधिक साम्राज्य चला रहा था।
विकास दुबे बेहद शातिर बदमाश है। उसका नाम पहली बार चर्चा में तब आया था, जब उसने 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की पुलिस थाने के अंदर हत्या कर दी थी।