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मंदिरों के लाउडस्पीकर पर सवाल उठाने वाली IAS के पीछे पड़े हिन्दू संगठन 

मंदिरों के लाउडस्पीकर पर सवाल उठाने वाली IAS के पीछे पड़े हिन्दू संगठन 

मध्य प्रदेश में हिन्दू संगठन एक महिला आईएएस शैलबाला मार्टिन का इसलिए विरोध कर रहे हैं कि उन्होंने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों से ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा उठाया है। जानिये क्या है पूरा मामलाः

मध्य प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर और डीजे से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सवाल उठाया तो हिन्दू संगठन उनके पीछे पड़ गये। मध्य प्रदेश कट्टर उग्र धार्मिक समूहों ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया है।

भोपाल में पिछले हफ्ते दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान तेज डीजे की आवाज से 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। वो लड़का डीजे साउंड पर डांस कर रहा था और अचानक गिर गया और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। इसके बाद मध्य प्रदेश में मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर और धार्मिक यात्रा के दौरान डीजे बचाने, मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर से अजान पर बहस शुरू हो गई।

सोशल मीडिया एक पत्रकार ने मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल और इनके बाहर धार्मिक यात्रा के दौरान संगीत बजाने वाले डीजे को लेकर सवाल उठाया। उनका कहना था कि यह दोहरा मापदंड क्यों। यानी आप मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर अजान का विरोध करते हैं और खुद मस्जिद के बाहर तेज आवाज में डीजे बजाते हैं, आपत्तिजनक नारेबाजी करते हैं।

पत्रकार की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने भी कहा- ...और मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता।

शैलबाला मार्टिन की पोस्ट को धार्मिक संगठनों ने पसंद नहीं किया। दक्षिणपंथी संगठन 'संस्कृति बचाओ मंच' के प्रमुख चन्द्रशेखर तिवारी ने कहा कि वे इस अधिकारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

शैलबाला मार्टिन को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन भी मिल रहा है। कई पत्रकारों ने उनके विचारों के पक्ष में पोस्ट डाली है। ज्यादातर का सवाल यही है कि मस्जिद के लाउडस्पीकर और मंदिरों के लाउडस्पीकर और डीजे को लेकर यह हिप्पोक्रेसी क्यों। इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने वास्तविक सवाल उठाया है। हफीज ने कहा, "एक वरिष्ठ अधिकारी ने लाउडस्पीकर के खिलाफ सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।"

शैलबाला मार्टिन अभी सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में अतिरिक्त सचिव हैं। 12 जून, 2017 को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में पदोन्नत होने से पहले उन्होंने राज्य सिविल सेवा (एससीएस) में अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने 2014 में स्वास्थ्य विभाग, 2019 में बुरहानपुर के नगर आयुक्त और उसी वर्ष निवाड़ी जिले के कलेक्टर सहित विभिन्न पदों पर काम किया है। 25 जनवरी, 2022 से वह सामान्य प्रशासन विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं।

मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से धार्मिक स्थलों में लगे लाउडस्पीकरों को नियंत्रित करना था। कई स्थानों पर मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों का हिन्दू संगठनों ने विरोध किया था। हालांकि अजान बमुश्किल 2-3 मिनट की होती है लेकिन कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवा दिये गये। दूसरी तरफ तमाम हिन्दू त्यौहारों पर निकलने वाली धार्मिक यात्रा के दौरान मस्जिद के आगे डीजे से तेज आवाज में आपत्तिजनक नारे लगाने और मंदिरों में लगे लाउडस्पीकरों से तेज आवाज में देर तक भजन बजाने पर कोई एतराज मध्य प्रदेश, यूपी, एमपी, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में नहीं किया जा रहा है।

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