क्या हिंडनबर्ग रिसर्च वाकई जांच का सामना कर रहा है, सच जानिए
अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद न्यूयॉर्क की इस संस्था पर सोशल मीडिया के जरिए हमले किए गए। इन हमलों का हिंडनबर्ग रिसर्च चलाने वाले नाथन एंडरसन ने जवाब दिया है। उन्होंने बताया है क्या अपनी धोखाधड़ी के तरीकों की वजह से हिंडनबर्ग रिसर्च किसी तरह की जांच का सामना कर रहा है।
द मिन्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी समूह पर स्टॉक मार्केट में बड़े पैमान पर हेरफेर का आरोप लगाते हुए एक विस्तृत जांच रिपोर्ट जारी की। इसके बाद सोशल मीडिया की दो बड़ी साइट्स फेसबुक और ट्विटर पर हिंडनबर्ग के खिलाफ तमाम राष्ट्रवादी पोस्टों का दौर शुरू हो गया।
बीजेपी से जुड़े वकील आशुतोष दुबे ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि धोखाधड़ी के तरीकों की वजह से अमेरिका में हिंडनबर्ग के खिलाफ तीन आपराधिक जांच चल रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंडनबर्ग के बैंक खातों पर कुछ समय के लिए रोक भी लगा दी थी। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध फर्मों के बारे में कोई भी रिपोर्ट प्रकाशित करना अवैध है।
Hindenburg: three obscure facts
— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY 🇮🇳 (@AdvAshutoshBJP) February 6, 2023
There are three criminal inquiries into it in the US.
Due to their fraud methods, their bank accounts were frozen for an extended period of time.
Any reports regarding firms listed on the New York Stock Exchange are illegal to be published.
द मिन्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने तमाम आरोपों का जवाब दिया। अपने ट्विटर पोस्ट में एंडरसन ने लिखा है कि हिंडनबर्ग को वित्तीय उद्योग नियामक प्राधिकरण (एफआईएनआरए) ने कभी बी प्रतिबंधित नहीं किया। उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि उनकी कंपनी के बैंक खाते जब्त कर लिए गए थे और इसकी जांच चल रही है।
The Wire out with an article debunking lies about @HindenburgRes by senior BJP officials, including:
— Nate Anderson (@ClarityToast) February 9, 2023
- We are banned by FINRA (never)
- Had bank accounts seized (no)
- Can't publish on NYSE-listed co's (this isn't a thing)
- Are under investigation (no)https://t.co/TXtC3qZbXL
एंडरसन ने यह भी लिखा है कि यह झूठ है कि हिंडनबर्ग को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किसी भी कंपनी पर कोई रिपोर्ट प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है। एंडरसन ने अपनी पोस्ट में, द वायर की एक रिपोर्ट के को लिंक शेयर किया है। जिसमें हिंडनबर्ग के खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया गया है। द वॉयर की रिपोर्ट में बताया गया है कि, दिसंबर 2022 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने वेलटावर: एक्सपोज़िंग द शेल गेम नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। वेलटावर जो न्यूयॉर्क शेयर मार्केट में सूचीबद्ध कंपनी है, अमेरिका में आवासीय सुविधाओं की बड़ी कंपनी के रूप में जानी जाती है।
मिन्ट के मुताबिक नाथन एंडरसन को संबोधित कई ट्वीट में उनसे मेटा, गूगल माइक्रोसॉफ्ट, ऐमेज़ॉन जैसी बड़ी कंपनियों पर भी कुछ रिसर्च करने के लिए कहा गया। कई ट्विटर यूजर्स ने एंडरसन को लिखा था कि इन कंपनियों ने काफी कर्मचारियों को निकाल दिया। लेकिन अडानी ने तमाम दिक्कतों के बावजूद एक भी कर्मचारी को नहीं निकाला।
हालांकि कुछ लोगों ने नाथन एंडरसन का हौसला भी बढ़ाया। ऐसे ही एक ट्वीट में लिखा गया - अच्छा काम जारी रखिए। मुझे पता था कि कुछ गड़बड़ी है लेकिन फिर भी मैंने निवेश किया। जिस दिन मैंने आपकी रिपोर्ट देखी, मैंने सारा निवेश वहां से निकाल लिया।
हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने लिखा है कि तमाम सोशल मीडिया पोस्टों में स्पेलिंग की गलतियां एक जैसी थीं। यानी वो ये बताना चाहते हैं कि भारत में दक्षिणपंथी ट्रोल किस तरह एक ही जगह से बाकायदा अभियान चलाकर सरकार विरोधियों को घेरते हैं।
बता दें हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हिंडनबर्ग अमेरिका स्थित निवेश रिसर्च फर्म है जिसे एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग में महारत हासिल है। हालाँकि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडानी की कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें धड़ाम गिरी हैं और इससे समूह का मूल्य क़रीब आधा ही रह गया है।