कांग्रेस ने किया हिमाचल प्रदेश इकाई को भंग; गुटबाजी ख़त्म होगी?
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपनी राज्य इकाई को भंग कर दिया है। इसका मतलब है कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूरी प्रदेश पीसीसी इकाई, जिला अध्यक्ष और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी नये सिरे से बनेगी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य ईकाई को लेकर यह बड़ा फैसला लिया है।
एक बयान में कांग्रेस के महासचिव केसी वेनुगोपाल ने कहा, 'माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने पीसीसी की पूरी राज्य इकाई, जिला अध्यक्षों और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति की ब्लॉक कांग्रेस समितियों को भंग करने के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है।'
Hon'ble Congress President has approved the proposal to dissolve the entire state unit of the PCC, District Presidents and Block Congress Committees of Himachal Pradesh Congress Committee, with immediate effect. pic.twitter.com/UC11PHi6c9
— Himachal Congress (@INCHimachal) November 6, 2024
भंग की गई स्टेट कांग्रेस यूनिट की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। हालांकि वह फिलहाल कांग्रेस कार्यसमिति की स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं। पार्टी की राज्य इकाई प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा है कि उन्हें पद पर जारी रखने के लिए कहा गया है।
प्रतिभा सिंह को 2022 में कांग्रेस 'हिमाचल प्रदेश इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया था और उस वर्ष विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री के पद के लिए उनको सबसे आगे माना जा रहा था। लेकिन आख़िरी समय में सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बना दिया गया।
माना जा रहा है कि राज्य इकाई को भंग करने का मक़सद नियोजित सुधार लाना है। क़रीब पांच महीने पहले पार्टी आम चुनावों में चार लोकसभा सीटों में से किसी को भी जीतने में विफल रही थी। हालांकि, पार्टी ने नौ विधानसभा सीटों के उपचुनावों में से छह को जीतने में कामयाबी हासिल की थी। बता दें कि क़रीब आठ महीने पहले कांग्रेस की राज्य ईकाई में कई विधायकों ने बगावत कर दी थी।
राज्य ईकाई को भंग किए जाने को बगावत वाले राजनीतिक घटनाक्रम और उसके बाद कुछ उन अन्य घटनाक्रमों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बगावत वाले घटनाक्रम के बाद प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह के बयानों के चलते कांग्रेस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था।
इस साल फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार उस वक्त संकट में आ गई थी जब पार्टी के छह विधायकों ने बगावत कर भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला था। इस कारण कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था। बागी विधायकों को प्रतिभा सिंह का करीबी माना जाता था।
एबीपी ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के करीबी सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि उन्होंने ही पार्टी नेतृत्व से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए सिरे से पुनर्गठन के लिए मौजूदा कमेटी को भंग करने का अनुरोध किया था। रिपोर्ट है कि इसको लेकर प्रतिभा सिंह ने 28 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को चिट्ठी लिखी थी और इसपर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के भी हस्ताक्षर हैं। रिपोर्ट में राज्य में कई गुटों के बीच प्रतिस्पर्धा होना भी बताया जा रहा है। तो सवाल है कि क्या राज्य ईकाई के पुनर्गठन के बाद गुटबाजी ख़त्म हो जाएगी?